दिल्ली: बीजेपी और पीएम के डिजिटल छवि को पेश करने वाले नमो ऐप को लेकर राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने डाटा सुरक्षा को लेकर हमला करते हुए कहा कि इस एप से लोगों की गोपनीय जानकारी बिना उनकी मर्जी के 'तीसरे पक्ष' को पहुंच रही है. तो पीएमओ ने साफ किया कि नरेंद्र मोदी ऐप एकदम अलग किस्म का एप है, जो किसी भी यूजर को 'गेस्ट मोड' में आने की परमिशन भी देता है. लेकिन यह सच है कि इस एप के द्वारा लोगों के कैमरे, ऑडियो, लोकेशन सहित 22 प्रकार के एक्सेस मांगे जाते हैं. इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर में यह दावा किया गया है. इस खबर के अनुसार नमो एप की तुलना में अन्य सरकारी एप में कम एक्सेस मांगी जाती है. खुद प्रधानमंत्री कार्यालय के पीएमओ इंडिया एप से 14 तरह के एक्सेस मांगे जाते हैं. इसी तरह इलेक्ट्रॉनिक्स एवं इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय के सिटिजन-इंगेजमेंट एप, MyGov एप के लिए सिर्फ नौ डेटा पॉइंट के लिए एक्सेस मांगे जाते हैं. अगर निजी क्षेत्र की तरफ गौर करें तो लोकप्रिय ई-कॉमर्स साइट अमेजॉन इंडिया एप के लिए 17 तरह के एक्सेस देने की जरूरत पड़ती है. पेटीएम के लिए 27 तरह के एक्सेस देने की जरूरत होती है. नमो एप के द्वारा जनता को बीजेपी सरकार की उपलब्ध्‍िायों के बारे में लगातार जानकारी दी जाती है और इसके माध्यम से पीएम के 'मन की बात' भी सुनी जाती है. पीएमओ ने यह स्वीकार किया था, 'लोगों को बेहतर यूजर एक्सपीरियंस के लिए कुछ जानकारियां तीसरे पक्ष को शेयर की जाती है. लेकिन यह लोगों की सहमति से होता है.' इनमें नाम, ई-मेल, मोबाइल नंबर, डिवाइस के बारे में जानकारी, लोकेशन और नेटवर्क करियर की जानकारी शामिल है. 9.7 इंच डिस्प्ले के साथ एप्पल का नया आईपैड कल हो सकता है लांच बीएसएनएल के दो रिचार्ज प्लान्स में बड़ा बदलाव भारत में लांच हुआ 25MP सेल्फी कैमरा वाला Oppo F7