नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को आकाश मिसाइल प्रणाली के निर्यात को हरी झंडी दे दी है। इसके साथ ही एक्सपोर्ट को तेजी से सुगम बनाने के लिए एक समिति गठित करने का भी फैसला लिया गया है। इससे देश को अपने रक्षा उत्पादों को बेहतर बनाने और उन्हें विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में सहायता मिलेगी। रक्षा मंत्रालय की विज्ञप्ति के मुताबिक, आत्मनिर्भर भारत के तहत भारत विभिन्न प्रकार के रक्षा उपकरणों और मिसाइलों के निर्माण में अपनी क्षमताओं में इजाफा कर रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, 'आकाश देश की अहम मिसाइल है और यह 96 प्रतिशत स्वदेशी प्रकृति की है। आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है और इसकी क्षमता 25 किलोमीटर है।' उन्होंने कहा कि आकाश का निर्यात प्रारूप वर्तमान में भारतीय सशस्त्र सेनाओं के साथ तैनात प्रणाली से भिन्न होगा । रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि पीएम मोदी के नेतर्त्व में हुई कैबिनेट की बैठक में आकाश मिसाइल प्रणाली के निर्यात के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई और इसके साथ ही निर्यात को तेजी से सुगम बनाने के लिये समिति गठित करने का भी फैसला किया गया। बता दें कि आकाश मिसाइल को 2014 में इंडियन एयरफोर्स तथा 2015 में भारतीय सेना में शामिल किया गया था। आयकर रिटर्न दाखिल करने की बढ़ी अंतिम तिथि वर्ष के आखिरी दिन मध्यम बढ़त पर खुला बाजार, निफ़्टी में हुई 1 अंक की वृद्धि कुछ शर्तें हैं जो वेदांता की प्रवर्तक कंपनियों को प्रतिबंधित करती हैं: वेदांता लिमिटेड