मुंबई: महाराष्ट्र में सियासी खींचतान के बीच खबर आ रही है कि मोदी कैबिनेट ने राष्ट्रपति को महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर दी है। इसी बीच शिवसेना भी सर्वोच्च न्यायालय पहुंच गई है। दूसरी तरफ शिवसेना ने राज्यपाल के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। शिवसेना ने याचिका में कहा है कि भाजपा को 72 घंटे और शिवसेना को 24 घंटे का समय क्यों दिया गया। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति बोबडे की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। वहीं महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति शासन की सिफारिश को लेकर पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में संविधान के मुताबिक सरकार चलने ke आसार नज़र नहीं आ रहे हैं। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार की तरफ से राष्ट्रपति शासन की सिफारिश मिली है। वहीं शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है, जिसमें महाराष्ट्र गवर्नर के फैसले को चुनौती दी गई है और कहा गया है कि सरकार बनाने की उनकी क्षमता को साबित करने के लिए पार्टी को समय नहीं दिया गया। वकील सुनील फर्नांडीज ने शिवसेना के लिए याचिका दाखिल की है। दरअसल, भाजपा के 105 विधायकों के साथ सबसे बड़ी विधायक संख्या वाली पार्टी होने के बाद भी सरकार के गठन में असमर्थता जताने के बाद शनिवार से सियासी पारा गर्म है। रविवार को गवर्नर ने 56 विधायकों के साथ शिवसेना को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। किन्तु, पार्टी कांग्रेस और एनसीपी से समर्थन के पत्र मुहैया नहीं करा सकी, भले ही इसने 'सैद्धांतिक रूप में' उनसे समर्थन का दावा भी किया। शिवसेना ने राज्यपाल से और समय माँगा, जिसे देने से राज्यपाल ने इंकार कर दिया। CM योगी जल्द पहुंचेंगे अयोध्या, मंदिर निर्माण पर करेंगे साधु-संतों से चर्चा ऑस्ट्रेलिया में भड़की आग के पीछे भारतीय मानसून जिम्मेदार, हैरान कर देगी वजह क्या महाराष्ट्र में लगेगा राष्ट्रपति शासन ? पीएम मोदी ने बुलाई कैबिनेट मीटिंग