नई दिल्ली : तीन तलाक को लेकर मुस्लिम महिलाओं के हित में लाए जा रहे विधेयक को शुक्रवार को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी.. इस बिल को अगले हफ्ते संसद में पेश किया जा सकता है. बिल में तीन तलाक देने पर तीन साल की सजा तक का प्रावधान किया गया है. उल्लेखनीय है कि ‘द मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट’ नाम से लाए जा रहा यह विधेयक कौन बनने पर सिर्फ तीन तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत पर ही लागू होगा.इस कानून के बाद कोई भी मुस्लिम पति अगर पत्नी को तीन तलाक देगा तो वो गैर-कानूनी होगा. स्मरण रहे कि गत 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को गैर कानूनी करार दिया था. इस विधेयक के लिए सरकार कई दिनों से तैयारी कर रही थी. आपको बता दें कि 1 दिसंबर को मसौदा तैयार कर पुनरीक्षण के लिए भेजा गया था, और 10 दिसंबर तक सुझाव मांगा था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी देश में कई तीन तलाक के मामले सामने आये है. इस बिल को झारखंड, असम, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों का समर्थन हासिल है.इस विधेयक में तीन तलाक वह चाहें मौखिक हो, लिखित और या सन्देश में हो वह अवैध ही होगा.जिसमें जमानत नहीं होगी और जुर्माना भी देना पड़ेगा. जबकि दूसरी ओर सरकार के इस कदम के बाद मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 17 दिसंबर को दिल्ली में एक बैठक बुलाई हैं. जिसमें आगे के बारे में विचार किया जाएगा. यह भी देखें तीन तलाक पर मिलेगी तीन साल की सजा मोदी के कारण पति ने पत्नी को दिया तीन तलाक?