नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है। ये सत्र 18 से 22 सितंबर तक चलेगा। कहा जा रहा है कि इसमें 5 बैठकें होंगी। ये 17वीं लोकसभा का 13वां सत्र एवं राज्यसभा का 261 वां सत्र होगा। अमृत काल के बीच संसद के विशेष सत्र में सार्थक चर्चा तथा बहस की उम्मीद है। दरअसल, संविधान के अनुच्छेद 85 (Article 85) में संसद का सत्र बुलाने का प्रावधान है। इसके तहत सरकार को संसद के सत्र बुलाने का हक़ है। संसदीय मामलों की मंत्रिमडल समिति फैसले लेती है जिसे राष्ट्रपति द्वारा औपचारिक रूप दिया जाता है, जिसके माध्यम से सांसदों (संसद सदस्यों) को एक सत्र में बुलाया जाता है। वही इससे पहले 20 जुलाई से 11 अगस्त तक संसद का मॉनसून सत्र चला था। सत्र में मणिपुर हिंसा को लेकर खूब हंगामा हुआ था। विपक्ष मणिपुर पर प्रधानमंत्री मोदी के बयान के साथ चर्चा पर अड़ा था, जबकि सरकार गृह मंत्री अमित शाह के जवाब के साथ चर्चा की बात कह रही थी। इसे लेकर सरकार एवं विपक्ष के बीच जमकर गतिरोध रहा। तत्पश्चात, कांग्रेस मणिपुर मुद्दे पर लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाई थी। इस के चलते राहुल गांधी ने मणिपुर हिंसा का जिक्र कर मोदी सरकार पर खूब हमला बोला था। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब प्रधानमंत्री मोदी ने दिया था। इसके साथ ही विपक्ष का प्रस्ताव भी गिर गया था। दरअसल, मणिपुर में 3 मई से हिंसा जारी है। वहां हिंसा में 160 व्यक्तियों को मौत हुई है। 10 हजार घर हिंसा की आग में तबाह हो गए। 50 हजार से अधिक लोग राहत शिविरों में रहने को विवश हैं। '50% कमीशन सरकार को बेनक़ाब', बीरेंद्र रघुवंशी के इस्तीफे के बाद कमलनाथ का भाजपा पर हमला शादी के बंधन में बंधने वाला था कपल, फिर हुआ कुछ ऐसा कि डोली की जगह उठी अर्थी RBI ने उठाया बड़ा कदम, इस बैंक के लेनदेन पर लगाई रोक