नई दिल्ली : मोदी सरकार की नोटबंदी के बाद भले ही जनता को परेशानी आ रही हो या फिर विपक्षी राजनीतिक दलों द्वारा नोटबंदी को राजनीतिक मुद्दा बना लिया गया हो, लेकिन इंस्टिट्यूट आॅफ चार्टर्ड अकाउंटेट्स आॅफ इंडिया ने अपने सदस्यों ये यह कहा है कि वे न तो नोटबंदी को लेकर किसी तरह की राय दें और न ही आलोचना करें। जानकारी के अनुसार इस चेतावनी का बकायदा सर्कुलर जारी किया गया है। बताया गया है कि सर्कुलर मंे यह कहा गया है कि यदि उनके पास कोई क्लाइंट आकर सलाह भी लेता है तो उस वक्त वे देश हित का ध्यान रखे। इसके अलावा यह भी चेतावनी दी गई है कि वे न तो नोटबंदी के खिलाफ किसी अखबार मंे लेख लिखे और न ही किसी मीडिया को इंटरव्यू देकर नकारात्मक राय देने का काम करें। इसके अलावा सदस्यों को किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में भी न जाने की सलाह दी गई है। संस्था का संकेत उन सार्वजनिक कार्यक्रमों की तरफ है, जहां नोटबंदी के खिलाफ किसी तरह की भाषणबाजी होने की संभावना बनी रहती है। सर्कुलर में कहा गया है कि हमें देश निर्माण और हित में भागीदार बनने की जरूरत है। नोटबंदी पटरी से उतर चुका है मोदी बाबू