नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर पिछले दिनों दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी जैसा विरोध प्रदर्शन फिर से सिर न उठा सके, इसके लिए केंद्र की मोदी सरकार ने एहतियातन छात्रों की सोशल अभिव्यक्ति पर नज़र रखने का फैसला लिया है। द प्रिंट की खबर के अनुसार, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सूत्रों से पता चला है कि सरकार की तरफ से एक शुरुआती सर्कुलर जारी किया है। इस सर्कुलर में देश के IIM और IIT जैसे संस्थानों और विश्वविद्यालयों से कहा गया है कि वे नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए छात्रों की सोशल मीडिया गतिविधियों पर नजर रखें। यही नहीं, छात्रों के अलावा निगरानी के घेरे में शिक्षक भी होंगे। छात्रों और शिक्षकों के फेसबुक, ट्विटर और व्हॉट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और मैसेंजर एप्स पर नज़र रखे जाने का आदेश दिया गया है, इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि सभी संस्थान इस संबंध में एक रिपोर्ट बनाकर सरकार को सौंपें। सर्कुलर की जद में मुख्यरूप से जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU), जामिया मिल्लिया इस्लामिया (JMI), बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) और दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के विद्यार्थी हैं, जहां पहले से ही CAA को लेकर प्रदर्शन देखे जा रहे हैं। केरल के CM ने कर्नाटक CM को किया आग्रह, मीडिया से जुड़ा है मामला बिहार में नहीं लागू करेंगे NRC मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की घोषणा महिंदा एंड महिंद्रा के चेयरमैन पद से हटेंगे आनंद महिंद्रा, सभालेंगे ये जिम्मा