श्रीनगर: केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए जम्मू कश्मीर 138 कानूनों में परिवर्तन किया है। इसके साथ ही घाटी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिलने वाले भत्ते भी बंद कर दिए गए है। वही दूसरी ओर केंद्र सरकार ने बुधवार को गजट अधिसूचना जारी करते हुए जम्मू कश्मीर विधानसभा सदस्य पेंशन कानून में संशोधन कर पेंशन की राशि 50 हज़ार रुपए से बढ़ाते हुए 75 हज़ार रुपए कर दी है. कानून के प्रावधान 3सी के तहत जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सभी भत्ते को ख़त्म कर दिया गया है। इस संशोधन के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्रियों को किराये के मकान, साज सज्जा पर मिलने वाले अधिकतम 35 हज़ार रुपए सालाना, एक वर्ष में 48000 रुपए का फ्री टेलीफ़ोन काल, 1500 रुपए प्रति माह बिजली, कार पेट्रोल, चिकित्सा सुविधा, ड्राइवर और निजी सहायक नहीं मिलेंगे। जम्मू कश्मीर के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद, उम्र अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती को अभी केंद्र सरकार से सुरक्षा मिली हुई है। नए कानून के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्रियों के परिवार को सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराई जाएगी। वहीं लद्दाख का प्रशासन अब सीधे केंद्र सरकार के अंतर्गत होगा ,जबकि जम्मू कश्मीर में विधानसभा रहेगी। जम्मू कश्मीर मंत्री एवं राज्य मंत्री वेतन कानून में भी संशोधन किया गया है। अब मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद के सभी मंत्रियों को मिलने वाले वेतन पर टैक्स नहीं लगेगा। मंत्रियो को फ्री मेडिकल फैसिलिटी वाले कानून को भी ख़त्म कर दिया गया है. कोरोना : इलाज के खर्च से हो जाए टेंशन फ्री, बहुत सस्ते में मिल रही ये इंश्योरेंस पॉलिसी कोरोना के कहर में टूटा शेयर बाजार, इन स्टॉक्स की सबसे ज्यादा हुई पिटाई वायदा बाजार में चमकी चांदी, सोने में भी आया उछाल