नई दिल्ली: बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए लैपटॉप और कंप्यूटर के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस सिलसिले में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की तरफ से एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है। DGFT के अनुसार, इन प्रतिबंधित आइटम्स के आयात के लिए वैध लाइसेंस के तहत अनुमति दी जाएगी। सरकार की मेक इन इंडिया पहल के बीच लिया गया ये एक बड़ा फैसला है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के नोटिफिकेशन के अनुसार, HSN 8741 के तहत आने वाले लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर एवं अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर कंप्यूटर और सर्वर का आयात तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित किया गया है। इन प्रतिबंधित सामानों के आयात की अनुमति वैध लाइसेंस के तहत ही दी जाएगी। इसमें ई-कॉमर्स पोर्टल (E-Commerce) अथवा पोस्ट या कूरियर के जरिए खरीदे गए कंप्यूटर भी सम्मिलित हैं। इन सामानों का आयात लागू शुल्क के भुगतान के अधीन होगा। वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से स्पष्ट कर दिया गया है कि सरकार द्वारा प्रतिबंधित किए गए इन इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स को इस शर्त के साथ आयात की मंजूरी दी जाएगी कि आयातित सामान का इस्तेमाल सिर्फ बताए गए उद्देश्यों के लिए ही किया जाएगा। यानी इन्हें बेचा नहीं जाएगा। इसके साथ ही उक्त प्रोडक्ट का उद्देश्य पूरा होने के बाद या तो इस्तेमाल से परे नष्ट कर दिया जाएगा या फिर से निर्यात किया जाएगा। सरकार द्वारा इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़े इन सामानों को लेकर यह फैसला ऐसे वक़्त पर लिया गया है जबकि देश में Make In India पर जोर दिया जा रहा है। नोटिफिकेशन में बताया गया है कि यह प्रतिबंध समय-समय पर संशोधित बैगेज नियमों के तहत आयात पर लागू नहीं होगा। दरअसल, भारतीय सीमा में प्रवेश करने या देश से बाहर जाने वाले प्रत्येक यात्री को सीमा शुल्क के तहत गुजरना पड़ता है। मेक इन इंडिया मुहिम के बीच में सरकार की ओर से लिए गए इस फैसले से लोकल मैन्युफैक्चर्स के साथ ही ऐसी विदेशी कंपनियों को भी फायदा होगा, जो देश में यूनिट निरंतर प्रोडक्शन कर लोकल सप्लाई एवं दूसरे देशों को ये सामान निर्यात कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त इस कदम का असर इंडियन इकोनॉमी पर भी देखने को मिलेगा, क्योंकि ट्रेड डेफिसिट में कमी आएगी। 'अल्लाहु-अकबर' और 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे, जान से मारना चाहती थी 700 दंगाइयों की भीड़, नूहं हिंसा पर पुलिस की FIR 'हमेशा कुछ न कुछ..', ज्ञानवापी के ASI सर्वे पर क्या बोलीं हेमा मालिनी ? 370 फिर लागू हो..! सुप्रीम कोर्ट में जोर लगा रहे कपिल सिब्बल, राम मंदिर और CAA-NRC का कर चुके हैं विरोध