नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने शनिवार को सर्वोच्च न्यायालय से कहा है कि वह संत रविदास मंदिर निर्माण के लिए 200 स्क्वायर मीटर की जगह 400 स्क्वायर मीटर जगह देने के लिए तैयार है। इस तरह केंद्र मंदिर निर्माण के लिए पहले से ज्यादा जमीन देने के लिए सहमत हो गया है। संत रविदास मंदिर मामले में पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया था कि मामले की संवेदनशीलता और श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए सरकार उसी स्थान पर 200 वर्ग मीटर की जमीन मंदिर निर्माण के लिए देगी। केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय को अपने फैसले की जानकारी दी थी। जंगल की ज़मीन में बने मंदिर को शीर्ष अदालत के आदेश पर DDA ने हटाया था। इसके खिलाफ अदालत में दाखिल हुई याचिकाओं का जवाब देते केंद्र ने यह जानकारी दी थी। इससे पहले सर्वोच्च न्यायालय ने समाधान के संकेत देते हुए याचिकाकर्ताओं कांग्रेसी नेता अशोक तंवर और प्रदीप जैन से प्रकरण में निराकरण लेकर आने को कहा था। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद तुगलकाबाद स्थित संत रविदास मंदिर को ढहा दिया गया था। इसके बाद दिल्ली और आसपास के कई जिलों में उग्र विरोध प्रदर्शन हुए थे और फिर शीर्ष अदालत में इस मामले में याचिका दायर की गई थी। दरअसल, हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर मंदिर के पुनर्निर्माण की मांग की थी। याचिका में कहा गया था कि मंदिर 600 वर्ष से भी पुराना है लिहाजा इस पर नए कानून लागू नहीं होते। विश्व के शीर्ष दस ब्रैंड्स की सूची से फेसबुक बेदखल, पहले स्थान पर पहुंची यह कंपनी बड़ा खुलासा: RBI ने बंद की 2000 रुपए के नोटों की छपाई, कहीं फिर से नोटबंदी..... कॉरपोरेट टैक्स में कमी का आईएमएफ ने किया स्वागत, कही यह बात