नई दिल्ली: केंद्र सरकार समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code- UCC) को लेकर मन बना चुकी है. सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार आगामी मॉनसून सत्र में समान नागरिक संहिता का विधेयक संसद में पेश कर सकती है. सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार ने संसद के मॉनसून सत्र में UCC लाने की तैयारी कर ली है. सूत्रों ने यह भी बताया है कि, समान नागरिक संहिता कानून संबंधी बिल संसदीय समिति को भी भेजा सकता है. दरअसल, UCC को लेकर सांसदों के विचार जानने के लिए संसदीय स्थायी समिति की 3 जुलाई को बैठक बुलाई गई है. इस मुद्दे पर विधि आयोग, कानूनी मामलों के विभाग और विधायी विभाग के प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया है. 14 जून को विधि आयोग द्वारा UCC पर आम लोगों से सुझाव मांगने के मुद्दे पर इन तीनों विभागों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया है. UCC में सभी धर्मों के लिए एक कानून ही होगा. दरअसल, मौजूदा समय में भारत में हर धर्म का पर्सनल लॉ है, जिसमें विवाह, तलाक और संपत्तियो के लिए अपने-अपने कानून हैं. UCC के लागू होने से सभी धर्मों में रहने वालों लोगों के मामले सिविल नियमों से ही निपटाए जाएंगे. UCC का अर्थ शादी, तलाक, गोद लेने, उत्तराधिकार और संपत्ति का अधिकार से संबंधित कानूनों को सुव्यवस्थित करना होगा. बता दें कि, कुछ दिन पहले ही पीएम नरेंद्र मोदी ने भोपाल में UCC का मुद्दा छेड़कर पूरे देश में इसको चर्चाओं में ला दिया था. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा था कि, भारत के संविधान में भी नागरिकों के समान अधिकार की बात कही गई है, सर्वोच्च न्यायालय ने बार-बार कहा है कि UCC लाओ, मगर ये वोटबैंक के भूखे लोग. वोट बैंक की सियासत करने वालों ने पसमंदों मुसलमानों का शोषण किया है, मगर उनकी कभी चर्चा नहीं हुई. उन्हें आज भी बराबरी का अधिकार नहीं मिलता. देश के मुस्लिम भाई बहनों को ये समझना होगा कि कौन से सियासी दल उनको भड़का कर उनका राजनीतिक लाभ ले रहे हैं. हम देख रहे हैं कि UCC के नाम पर लोगों को भड़काने का काम किया जा रहा है. एक घर में एक सदस्य के लिए एक कानून हो और दूसरे के लिए दूसरा तो घर चल पायेगा क्या? तो ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश किस तरह चल पाएगा? हर हर महादेव के उद्घोष के साथ रवाना हुआ अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था, काली माता मंदिर पर हुआ श्रद्धालुओं का स्वागत सुहागरात के अगले ही दिन दुल्हन ने दे दिया बच्ची को जन्म, दूल्हे के पैरों तले से खिसकी जमीन मणिपुर में 'राहुल गांधी गो बैक' के नारे! भाजपा बोली- वो मानते नहीं, उन्हें तो मोहब्बत की दूकान खोलनी है..