अमृतसर: 1984 के बाद पहली बार स्वर्ण मंदिर को केंद्र सरकार द्वारा विदेशी दान प्राप्त करने के लिए मंजूरी दे दी गई है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि मोदी सरकार ने स्वर्ण मंदिर को अगले 5 वर्षों के लिए विदेशी दान लेने के लिए इजाजत दे दी है. ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद स्वर्ण मंदिर के लिए विदेशी फंडिंग पर रोक लगा दी गई थी। बता दें कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने इस मुद्दे को केंद्र के समक्ष कई बार उठाया था. रिपोर्ट के मुताबिक, SGPC के पूर्व अध्यक्ष गुरचरण सिंह टोहरा इस मुद्दे को उठाने वाले पहले शख्स थे और SGPC ने इस साल मई में फिर से इस मुद्दे को उठाया था. बीते दो सालों में केंद्रीय मंत्रियों राजनाथ सिंह और अमित शाह के साथ इस मुद्दे को उठाया गया था और गोल्डन टेम्पल के लिए विदेशी दान खोलने की मांग की गई थी. यह मांग लंबे समय से विचाराधीन थी. स्वर्ण मंदिर में धन को रोकने के पीछे कोई वजह नहीं थी, क्योंकि वह मानवीय कार्यों पर धन खर्च करता है और एक निःशुल्क रसोईघर चला रहा है. केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने भी फंड खोलने के लिए केंद्र सरकार को राजी करने में अहम भूमिका निभाई. एक संस्था के रूप में SGPC भारत सरकार और सिख आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले के बीच के विवाद में कभी भी पक्षकार नहीं थी. विदेशी दान की शुरुआत SGPC के लिए इस वर्ष बड़ी राहत है क्योंकि कोरोना माहमारी के कारण स्वर्ण मंदिर का चढ़ावा प्रभावित हुआ है. NCR में शामिल हो सकती है मथुरा, भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने की मांग बिना दस्तावेज़ के भी बनवा सकते हैं आधार कार्ड, यहाँ जानिए आसान तरीके 200 अरब डॉलर की कंपनी बनी रिलायंस, 15 लाख करोड़ के करीब पहुंचा मार्केट कैपिटल