नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने हाल ही में (26 मई 2021) विदेशों में काम करने वाली भारतीय महिलाओं को सहायता पहुँचाने के लिए बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत सरकार आगामी दिनों में कामकाजी महिलाओं के लिए 9 देशों में वन स्टॉप सेंटर शुरू करने जा रही है, जिसका मकसद महिला विरोधी हिंसा से निपटना है। इसके अन्तर्गत बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और सिंगापुर में एक-एक वन स्टॉप सेंटर शुरू किए जाएँगे। वहीं, सऊदी अरब में ऐसे 2 वन स्टॉप सेंटर खोले जाएँगे। इसके अतिरिक्त, पूरे भारत में 300 वन स्टॉप सेंटर शुरू किए जाएँगे। विदेशों में खोले जा रहे वन स्टॉप सेंटर को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की तरफ से सहयोग दिया जाएगा। वन स्टॉप सेंटर का अर्थ एक ऐसी व्यवस्था से है, जहाँ हिंसा प्रभावित किसी भी महिला को सभी प्रकार की सहायता एक ही छत के नीचे दी जाती है। यहाँ महिलाओं को घर जैसा माहौल दिया जाता है, ताकि वह अपनी परेशानियों को अच्छे से बता सके और जिससे उनकी समस्याओं का निराकरण किया जा सके। भारत सरकार ने वन स्टॉप सेंटर योजना, 1 अप्रैल 2015 में हिंसा से पीड़ित महिलाओं को सहायता पहुँचाने के लिए लागू की थी, जिसे मुख्यत: ‘सखी’ के नाम से जाना जाता है। देश के कई प्रदेशों में इस योजना से महिलाओं को लाभ पहुँचा है। इसके तहत प्रत्येक राज्य और जिले में महिलाओं की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, जिससे उन्हें किसी भी तरह की हिंसा से बचाया जा सके। केनरा बैंक ने वित्त वर्ष 2021 के लिए पूंजी जुटाने की योजना को दी मंजूरी अग्रणी रेटिंग एजेंसी ने राज्यों के लिए 2.65 लाख रुपये के जीएसटी मुआवजे का किया एलान BPCL के निजीकरण को सुगम बनाने के लिए FDI नीति में बदलाव पर विचार कर रही है सरकार