नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (10 सितंबर) को कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर के खिलाफ आपराधिक मानहानि मामले में कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी है। ये मामला 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में उनकी विवादास्पद "शिवलिंग पर बैठे बिच्छू" टिप्पणी से जुड़ा है। जस्टिस हृषिकेश रॉय और आर महादेवन की पीठ दिल्ली हाईकोर्ट के 29 अगस्त के आदेश के खिलाफ थरूर की अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसने मानहानि का मामला रद्द करने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। थरूर का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता मोहम्मद अली खान ने तर्क दिया कि भाजपा नेता राजीव बब्बर द्वारा दायर मानहानि की शिकायत में मूल उद्धरण प्रकाशित करने वाली पत्रिका या मामले में आरोपी के रूप में प्रारंभिक बयान देने वाले व्यक्ति को शामिल नहीं किया गया। खान ने तर्क दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में थरूर की विवादास्पद "शिवलिंग पर बैठे बिच्छू" टिप्पणी मानहानि कानून के प्रतिरक्षा खंड के तहत संरक्षित थी। खान ने यह भी बताया कि कानून सद्भावना में की गई टिप्पणियों के लिए प्रतिरक्षा प्रदान करता है। उन्होंने आगे कहा कि थरूर का बयान मूल नहीं था, बल्कि 2012 में प्रकाशित एक लेख से उधार लिया गया था, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। शीर्ष अदालत ने बब्बर को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। थरूर ने आपराधिक मानहानि की कार्यवाही को चुनौती दी है। सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने दिल्ली पुलिस से भी जवाब मांगा है और मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद तय की है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 29 अगस्त को थरूर के खिलाफ मानहानि की कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया था। इसने कहा था कि प्रथम दृष्टया प्रधानमंत्री के खिलाफ “शिवलिंग पर बिच्छू” जैसे आरोप “घृणित और निंदनीय” हैं। उच्च न्यायालय ने कहा था कि प्रथम दृष्टया, इस टिप्पणी ने प्रधानमंत्री, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ-साथ इसके पदाधिकारियों और सदस्यों को बदनाम किया है। 'कश्मीर जाने से मेरी फ# रही थी..', पूर्व गृहमंत्री सुशिल कुमार शिंदे का बयान, Video CPIM नेता सीताराम येचुरी की हालत नाज़ुक, दिल्ली AIIMS में ICU में भर्ती 'भारत में ऐसा बोलकर दिखाएं, कोर्ट में घसीटूंगा..', राहुल के बयान पर बोले सिख नेता