नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट सोमवार को कांग्रेस सांसद शशि थरूर की उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसने उनके खिलाफ मानहानि की कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया था। यह मामला थरूर की उस टिप्पणी से जुड़ा है जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना 'शिवलिंग पर बैठे बिच्छू' से की थी। हाई कोर्ट ने इस बयान के लिए उनके खिलाफ मानहानि की कार्यवाही जारी रखने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 10 सितंबर को थरूर के खिलाफ निचली अदालत में चल रही मानहानि की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी और शिकायतकर्ता भाजपा नेता राजीव बब्बर और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इस मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ करेगी। थरूर ने हाई कोर्ट के 29 अगस्त के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, जिसमें उनके खिलाफ कार्यवाही रद्द नहीं की गई थी। थरूर के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि शिकायतकर्ता को पीड़ित पक्ष नहीं माना जा सकता, और यह बयान मानहानि कानून के प्रतिरक्षा प्रावधान के तहत संरक्षित है। उन्होंने यह भी कहा कि थरूर ने यह टिप्पणी कारवां पत्रिका में प्रकाशित एक लेख के संदर्भ में की थी, जो छह साल पहले प्रकाशित हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर हैरानी जताई कि 2012 में जब यह लेख प्रकाशित हुआ था, तब इसे अपमानजनक नहीं माना गया था। जस्टिस रॉय ने कहा कि यह एक रूपक है जो व्यक्ति (मोदी) की अपराजेयता को दर्शाता है, और समझ नहीं आता कि इस पर अब आपत्ति क्यों जताई जा रही है। दिल्ली हाई कोर्ट ने हालांकि कहा था कि थरूर की टिप्पणी पहली नजर में प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक और निंदनीय है। कोर्ट ने 16 अक्टूबर 2020 को थरूर के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगाई थी, लेकिन निचली अदालत में मामले को जारी रखने का आदेश दिया था। 'सालों तक हमें अनदेखा किया, अब बदला लेने का वक़्त..', ऐसा क्यों बोले राज ठाकरे? हरियाणा में दर्दनाक सड़क हादसा, एक ही परिवार के 7 लोगों की दुखद मौत 'केरल में हो रहे भारत-विरोधी अपराध, CM ने छुपाया..', गवर्नर खान के संगीन आरोप