'नाटक कर रहे मोदी, भगवान में आस्था है तो घर में करो..', पीएम की कन्याकुमारी यात्रा पर भड़के मल्लिकार्जुन खड़गे

नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी के कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक मेमोरियल में दो दिनों के ध्यान के दौरान, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज शुक्रवार को कहा कि राजनीति और धर्म को कभी एक साथ नहीं लाया जाना चाहिए और अगर आपको भगवान में आस्था है, तो इसे अपने घर पर करें। पीएम मोदी कन्याकुमारी जाकर नाटक कर रहे हैं। बहरहाल, गौर करने वाली बात ये भी है कि, रमजान के महीने में हर विपक्षी दल को इफ्तार पार्टियों के ढेरों आयोजन करते देखा जाता है, जिसमे कई नेता और मौलाना-इमाम आदि शामिल होते हैं। इसमें कई गैर-मुस्लिम नेता भी टोपी पहनकर इफ्तार की दावत उड़ाते नज़र आते हैं, खड़गे जी को बताना चाहिए क्या ये 'धर्म और राजनीति एकसाथ' आने वाली बात नहीं रहती ? या फिर टोपी पहनकर दिखावा करना नाटक नहीं होता ?  

बहरहाल, कांग्रेस सुप्रीमो मल्लिकार्जुन खड़गे बड़े राजनेता हैं और विपक्ष का काम ही सरकार का विरोध करना है, लेकिन तथ्यों के आधार पर। खैर, खड़गे आगे प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहते हैं कि, "राजनीति और धर्म को कभी एक साथ नहीं लाया जाना चाहिए। इन दोनों को अलग रखा जाना चाहिए। एक धर्म का व्यक्ति आपके साथ हो सकता है और दूसरे धर्म का व्यक्ति आपके खिलाफ हो सकता है। धार्मिक भावनाओं को चुनावों से जोड़ना गलत है। वह कन्याकुमारी जाकर नाटक कर रहे हैं। इतने सारे पुलिस अधिकारियों को नियुक्त करके देश का कितना पैसा बर्बाद किया जा रहा है? आप वहां जाकर जो दिखावा कर रहे हैं, उससे देश का ही नुकसान होने वाला है। अगर आपको भगवान में आस्था है तो इसे अपने घर पर करें।" वैसे भगवान पर आस्था तो स्वामी विवेकानंद को भी थी, वे उस चट्टान पर क्यों गए ? सिद्धार्थ अपने घर में रहकर गौतम बुद्ध बन सकते थे, पीपल के नीचे क्यों बैठे ? वर्धमान घर में ही महावीर बन जाते ? पीएम मोदी की कई यात्राओं का उद्देश्य उस स्थान पर पर्यटन बढ़ाना भी होता है, साथ ही उस स्थान से जुड़ी चीज़ों को वे देश के सामने लाना चाहते हैं, जैसे अभी स्वामी विवेकानंद और उनका ये स्मारक चर्चा का केंद्र बना हुआ है। लक्षद्वीप में भी हम ये देख चुके हैं। बहरहाल, खड़गे जी विपक्ष के नेता हैं, उनका विरोध करना लाजमी है। वैसे प्रधानमंत्री हर बार चुनाव प्रचार थमने के बाद इस तरह की यात्रा पर निकल जाते हैं, 2014 में वो शिवाजी के प्रतापगढ़ और 2019 में उत्तराखंड में स्थित केदारनाथ गुफा पहुंचे थे।

इस बार प्रधानमंत्री मोदी आध्यात्मिक यात्रा पर कन्याकुमारी में हैं। वे ध्यान मंडपम में ध्यान कर रहे हैं, यह वह स्थान है जहां माना जाता है कि पूज्य  दार्शनिक स्वामी विवेकानंद को 'भारत माता' के बारे में दिव्य दर्शन हुए थे। वे 1 जून तक अपना ध्यान जारी रखेंगे।  इसके अलावा, कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आंध्र प्रदेश में भाजपा को कुछ सीटें मिलेंगी, लेकिन तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में कांग्रेस का पलड़ा भारी है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने आगे कहा, "वे ( पीएम मोदी ) चाहे जो भी कहें, देश की जनता ने तय कर लिया है कि वे पीएम मोदी के नेतृत्व को स्वीकार नहीं करेंगे। इस चुनाव में महंगाई और बेरोजगारी ने काम किया है। संविधान और लोकतंत्र का मुद्दा भी लोगों के दिमाग में है। आंध्र में उन्हें (भाजपा को) कुछ सीटें मिलेंगी, लेकिन तेलंगाना, कर्नाटक, महाराष्ट्र में कांग्रेस का पलड़ा भारी है। यूपी में भी गठबंधन की वजह से हमें ज्यादा सीटें मिलेंगी। मुझे लगता है कि गठबंधन की सरकार बनेगी।" 

खड़गे ने आगे कहा कि, "बहुत से लोग समझ गए हैं कि वे (भाजपा) किस तरह आरक्षण खत्म कर रहे हैं। अगर उनकी मंशा अच्छी होती, तो वे केंद्र सरकार में 30 लाख रिक्त पदों को भर देते और उनमें से आधे से ज़्यादा पद गरीबों, दलितों और पिछड़ों को मिल जाते। जब तक इस देश में छुआछूत रहेगी और उन्हें (आरक्षित श्रेणियों के लोगों को) समान अधिकार नहीं मिलेंगे, तब तक आरक्षण रहेगा।" 

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