देश में तीन तलाक पर कानून बनाने की कोशिशें चल रही है, इसी बीच जमीयत उलामा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष महमूद मदनी का बयान आया है, जिसमें उन्होंने मोदी पर निशाना साधा है.उनका कहना है कि "तलाक सिर्फ मुसलमानों की परेशानी नहीं है, ये एक कॉमन समस्या है. गैरमुस्लिमों में मुस्लिमों से ज्यादा तलाक हो रहे हैं. लेकिन पीएम नरेन्द्र मोदी को तो सिर्फ मुस्लिम महिलाओं की ही फिक्र है, मर्द चाहें जाएं चूल्हे भाड़ में." उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि आज देश में तीन तलाक को इस तरह पेश किया जा रहा है जैसे हर मुस्लिम लड़की को तीन तलाक दिया ही जा रहा है. उनका कहना है कि यदि यह कानून बना तो दहेज विरोधी कानून की तरह इसका भी गलत फायदा उठाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि, "तीन तलाक का हल कानून कतई नहीं हो सकता. इसका जो भी समाधान निकालेगी वो सोसाइटी शरीयत से निकालेगी. कानून कभी भी इसका समाधान नहीं हो सकता. अगर कानून लागू किया गया तो दमन बढ़ जाएगा." उनका कहना है कि शरीयत में केवल तुरंत दिये जाने वाले तीन तलाक को ही नहीं बल्कि हर तरह के तलाक को गलत बताते हुए नाराजगी जाहिर की गई है. तलाक केवल उस मजबूरी में दिया जाता है, जब पति-पत्नी का साथ रहना मुश्किल हो जाता है. वरना ग़ैरवाजिब वजहों पर तलाक देने की मनाही की गई है. दोस्त से संबंध बनाने से इंकार करने पर दिया तीन तलाक़ सऊदी से SMS के जरिए पत्नी को दिया तीन तलाक शीतकालीन सत्र में सरकार की झोली रही खाली