दिल्ली : मोदी सरकार की मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक-2017 (The Muslim Women (Protection of Rights on Marriage) Bill) पर असली परीक्षा आज राज्यसभा में होगी. लेकिन राज्यसभा में इस बिल को पास कराना इतना आसान नहीं है. लिहाजा केंद्र सरकार ने अपनी तरफ से पूरी तैयारी कर रखी है इसके लिए विपक्षी दलों से भी बात की है. आपको बता दें कि तीन तलाक पर आज सरकार राज्यसभा में बिल पेश करने जा रही है. सबसे बड़ी बात यह है कि लोकसभा में सरकार के पास जबरदस्त बहुमत था, जिसके दम पर उसने असदुद्दीन ओवैसी समेत इक्का-दुक्का सांसदों के विरोध को आसानी से दरकिनार कर दिया. हालांकि राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है और काफी कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि इस मसले पर कांग्रेस का रुख क्या रहता है? वहीं, विधेयक पर आगे का रुख तय करने के लिए विपक्षी दल आज सुबह मिलने वाले हैं. सरकार कुछ हद तक इस बात से राहत महसूस कर रही है कि गुजरात चुनाव में सॉफ्ट हिंदुत्व का रास्ता अपनाने से कांग्रेस को फायदा हुआ है और वह तीन तलाक बिल को रोककर अपने इस इमेज को धराशायी नहीं करना चाहेगी. लोकसभा में जब यह बिल पारित हुआ था, तब राहुल गांधी सदन में मौजूद नहीं थे. माना जा रहा है कि तीन तलाक बिल का विरोध करके राहुल गांधी अपनी छवि को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते हैं. राज्यसभा में भी कोई पार्टी सीधे-सीधे तीन तलाक का समर्थन करके महिला विरोधी तो कहलाना पसंद नहीं करेगी, लेकिन इस बिल के प्रावधानों में कुछ नुक्स निकालकर इसमें संशोधन करने को कहेगी. हालांकि सरकार की मुश्किल यह है कि अगर इस बिल में कोई भी संशोधन मंजूर किया जाता है, तो इसे फिर से पास कराने के लिए लोकसभा भेजना होगा. वहीं, शीतकालीन सत्र पांच जनवरी को खत्म हो रहा है. इसलिए सरकार के पास ज्यादा वक्त नहीं है, लेकिन अगर बिल ऊपरी सदन की प्रवर समिति (select committee) के पास चला जाता है, तो फिर ये बिल इस सत्र में संसद से पारित नहीं हो पाएगा. तीन तलाक : लोकसभा में ओवैसी को कहा पागल जब दहेज उत्पीड़न में सजा हो सकती है, तब तीन तलाक पर क्यों नहीं?