वियंतियन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर पडोसी देश पाकिस्तान पर निशाना साधा है. उन्होंने कल ‘आतंकवाद के बढ़ते निर्यात’ पर गहरी चिंता जताई और कहा कि यह क्षेत्र की सुरक्षा पर मंडराने वाला एक साझा खतरा है. उन्होंने आतंकवाद से निपटने के लिए आसियान के सदस्य देशों से एक साझा रिएक्शन देने की अपील की. जानकारी के अनुसार, 14वें आसियान-भारत सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि घृणा की विचारधारा के कारण बढ़ता कट्टरपंथ और बढ़ती हिंसा का प्रसार डिफेंस से जुड़े कुछ दूसरे खतरे हैं. नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच बढ़ते वाक्युद्ध के बीच मोदी ने बीते दो दिन में दूसरी बार पाकिस्तान पर हमला बोला है. उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद का एक्पोर्ट, बढ़ता कट्टरपंथ और दिनों-दिन बढ़ती हिंसा का ये बढ़ावा हमारे समाजों की सुरक्षा पर मंडराने वाले साझा खतरे हैं.” मोदी ने कहा, “यह खतरा स्थानीय, क्षेत्रीय और इसके साथ-साथ लगातार बदलावों से भरा हुआ है. आसियान के साथ हमारी साझेदारी हर स्तर पर को-ऑर्डिनेशन और को-ऑपरेशन के जरिए रिएक्शन चाहती है.” उन्होंने कहा कि बढ़ती पारंपरिक एवं गैर पारंपरिक चुनौतियों के मद्देनजर संबंधों में राजनीतिक सहयोग बेहद जरूरी हो गया है. अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति के सेंटर में है. उन्होंने तमाम देशों के प्रमुखों के 10 सदस्यीय समूह से कहा, ”हमारा जुड़ाव इस इलाके में शांति, स्थिरता और खुशहाली लाने वाली हमारी साझा प्रॉयरिटी से आगे बढ़ता है.” उन्होंने कहा कि संपर्क को बढ़ाना आसियान के साथ भारत की साझेदारी के केंद्र में है.मोदी ने कहा कि भारत और दक्षिणपूर्वी एशिया के बीच अनइंटरप्टेड डिजीटल कम्यूनिकेशन एक साझा मकसद है. मोदी ने आगे भारत के आसियान देशों से संपर्क के मुद्दे पर बने मास्टर प्लान को लेकर अपनी प्रतिबद्धता भी जताई.