शिमला: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस का राजनीतिक संकट अब एक कदम और आगे बढ़ चुका है क्योंकि वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। वहीं सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी स्पष्ट कर दिया कि उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है तथा बजट के चलते वह अपना बहुमत साबित करेंगे। इस बीच कांग्रेस आलाकमान की तरफ से 3 पर्यवेक्षकों को हिमाचल प्रदेश में सरकार बचाने के लिए भेजा गया है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के चलते कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पीएम मोदी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मोदी जी की एक ही गारंटी है कि सभी कांग्रेस सरकारों को गिराओ। उन्होंने दावा किया कि राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के माध्यम से हमारी सरकार को गिराने का षड्यंत्र रचा गया। हमारे 3 बड़े नेता शिमला में हैं, हमें कड़े फैसले लेने होंगे। हम कठोर फैसले लेने से पीछे नहीं हटेंगे। जयराम रमेश ने कहा, हमारे पर्यवेक्षक सभी विधायकों से चर्चा करेंगे तथा उनकी शिकायतों को दूर करने का प्रयास करेंगे। तत्पश्चात, विधायकों की शिकायतें आलाकमान को रिपोर्ट के माध्यम से सौंपी जाएगी। उन्होंने दावा किया कि जो जनादेश हमें मिला है, उसे पूरा करेंगे। कांग्रेस पार्टी एवं संगठन सर्वोपरि है। हमारी प्राथमिकता हिमाचल प्रदेश में सरकार बचाना है क्योंकि वहां की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को नकारकर स्पष्ट बहुमत हमारी पार्टी को दिया था। वहीं राज्यसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस महासचिव जयराम ने कहा, हम राज्यसभा नहीं जीत पाए, उससे हम मना नहीं कर रहे हैं। अभिषेक मनु सिंघवी ये सीट नहीं जीत पाए। हम इस बात को स्वीकार कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी की तरफ से हिमाचल प्रदेश में 3 पर्यवेक्षक भेजे गए हैं। इनमें हरियाणा के पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा, छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल एवं कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार सम्मिलित हैं। इन पर्यवेक्षकों की कांग्रेस आलाकमान से बात हो चुकी है, वहां से उन्हें स्पष्ट बोल दिया गया है कि ऑपरेशन लॉटस का सामना करें तथा उसको नाकाम करने के लिए क्या कदम हैं, इसकी रिपोर्ट जल्दी मांगी गई है। 'हथियार लेकर आ रहे किसान', किसानों आंदोलन पर बोले त्रिवेंद्र सिंह रावत बीजेपी का गठबंधन भूल गई? कांग्रेस नेता दीक्षित का तीखा जवाब इंस्टाग्राम रील बनाने के बाद पुल से कूद गया युवक, जाँच में जुटी पुलिस