पुणे : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत पुणे में एक छात्र संसद के आयोजन के दौरान उपस्थितों को संबोधित कर रहे थे इस दौरान उन्होंने कहा कि श्री रामजन्मभूमि पर मंदिर बनना ही चाहिए। मंदिर का निर्माण लोगों की आस्था से जुड़ा है। उन्होंने एक सवाल का जवाब दिया। जिसके अनुसार उनके कहने का आशय था कि मंदिर निर्माण और गरीब की थाली में रोटी आने का कोई संबंध नहीं है। अभी तक मंदिर का निर्माण नहीं किया गया है मगर क्या फिर भी गरीब की थाली में रोटी आ गई है? दरअसल पुणे में 6ठी भारतीय छात्र संसद में वे महत्वपूर्ण चर्चा कर रहे थे। इस दौरान सवाल करते हुए एक छात्र ने कहा- क्या राम मंदिर बनने से गरीब की थाली में रोटी आएगी? इसके जवाब में भागवत ने कहा कि जब मंदिर नहीं बना तो क्या गरीबों की थाली में रोटी आ गई। उन्होंने कहा कि श्री राम मंदिर का निर्माण आस्था से जुड़ा है। हालांकि उन्होंने मंदिर निर्माण में लगने वाले समय को लेकर किसी तरह की बयानबाजी नहीं की। ने भागवत ने देश में असहिष्णुता के मसले को लेकर उपस्थितों से कहा कि स्वार्थ के आधार पर बोलना सही नहीं है। देश सहिष्णुता पर ही आधारित है। इसके अलावा भागवत ने आरक्षण को लेकर बड़ा बयान देते हुए एक छात्र के सवाल के जवाब में कहा कि ‘सामाजिक भेदभाव’ जारी रहने तक आरक्षण जारी रहना चाहिए, लेकिन इसका ईमानदारी से क्रियान्वयन होना चाहिए। उल्लेखनीय है कि राम भागवत ने कोलकाता में कहा था कि श्री रामजन्मभूमि के भव्य निर्माण के लिए बलिदान देने की तैयारी भी रखनी होगी। जिसे लेकर इस बार भी उन्होंने अपनी बात कही। उनके उद्बोधन का फोकस श्री राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का ही था।