न्यूयॉर्क: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) मोहन भागवत शुक्रवार को शिकागो में विश्व हिन्दू कांग्रेस को सम्बोधित कर रहे थे, इस दौरान उन्होंने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि हज़ारों सालों से हिन्दू प्रताड़ना झेल रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी वे एकजुट नहीं हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि अकेले रहना शेर के लिए भी हानिकारक होता है, अगर शेर अकेला रहेगा तो जंगली कुत्ते भी उसका शिकार का लेंगे. शुक्रवार को विश्व हिंदू कांग्रेस में बोलते हुए भागवत ने यह भी कहा कि हिंदू समुदाय में प्रभुत्व की कोई आकांक्षा नहीं है और समाज के रूप में मिलकर काम करने पर ही समृद्ध होगा. उन्होंने कहा कि हिन्दुओं को साथ लाना ही सबसे मुश्किल है. आरएसएस के शुरुआती दिनों के बारे में बताते हुए कहा है कि प्रारंभिक दिनों में हमारे कार्यकर्ता हिन्दू प्रतिष्ठानों का आयोजन करते थे और हिन्दुओं से एकजुट होने के लिए बात करते थे, लेकिन उन्हें जवाब मिलता था कि "शेर कभी झुण्ड में नहीं चलते, शेर अकेले ही चलते हैं." भारत को सब्सिडी देना पागलपन है : डोनाल्ड ट्रंप भागवत ने कहा कि "मैं उन लोगों से कहना चाहता हूँ कि शेर भी, वह अपने ही जंगल के राजा रॉयल बंगाल टाइगर भी हो, यदि वह अकेला है, तो जंगली कुत्ते एक साथ आक्रमण कर सकते हैं और उसे नष्ट कर सकते हैं. भागवत ने यह भी कहा कि हिंदू समाज जीवन के हर पहलू में सबसे मेधावी हैं, "लेकिन वे कभी साथ नहीं आते, कभी साथ नहीं रहते, वे कभी भी साथ काम नहीं करते". विश्व हिंदू कांग्रेस में, महाभारत से तैयार विषय पर आयोजित, 'कलेक्टिवली, एक्ट वैलेंटाली', भागवत ने हिंदुओं को एक साथ काम करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला. उन्होंने हिंदू धर्म में कहा, यहां तक कि एक कीट भी नहीं मारा जाता है, बल्कि नियंत्रित किया जाता है. उन्होंने कहा कि हिन्दू किसी का विरोध नहीं करता है, लेकिन कुछ लोग हैं जो हिंदुत्व का विरोध करते हैं, हमे उन्हें नुकसान पहुंचाए बिना उनसे निपटना होगा. 166 किमी की रेस के दौरान माँ ने कराया बच्चे को स्तनपान, देखिये तस्वीर उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया को एक टीम में लाने के लिए महत्वपूर्ण मूल्यों में से एक अहंकार को नियंत्रित करना और आम सहमति स्वीकार करना सीखना है, भागवत ने कहा, "उदाहरण के लिए, भगवान कृष्ण और युधिष्ठिर ने कभी एक-दूसरे से विरोध नहीं किया. इसके अलावा, उन्होंने कहा कि हिंदू हजारों सालों से पीड़ित हैं क्योंकि वे अपने बुनियादी सिद्धांतों और आध्यात्मिकता का अभ्यास करना भूल गए हैं. भागवत ने कहा कि "हम साथ मिलकर काम करेंगे, इतने सारे हिंदू संगठन होंगे, इतने सारे व्यक्ति, हमारे साथ हर किसी के साथ ले जाएंगे. तब हमें अपनी राय को समायोजित करना होगा और यह सबसे बड़ी बात है." खबरें और भी:- इमरान खान की सरकार का डांवाडोल एक और मंत्री का इस्तीफ़ा इजिप्ट के फोटो जर्नलिस्ट को हुई 5 साल की जेल पाकिस्तान को बड़ा झटका, अमेरिका ने रद्द की 300 मिलियन डॉलर की सहायता