नई दिल्ली : पिछले दिनों राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के एक कार्कक्रम में देश के पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ प्रणब मुखर्जी मुख्य अतिथि के रुप में पहुंचे थे. साथ ही उन्होंने हेडगेवार को भारत माता का सपूत बताया था और वे इस दौरान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के नागपुर स्थित मुख्यालय पर भी पहुंचे थे. प्रणब दा के इस कार्यक्रम में पहुंचे पर उस समय कांग्रेस ने उनका जमकर विरोध किया था, यहां तक कि डॉ प्रणब मुखर्जी की बेटी ने भी इसकी जमकर आलोचना की थी. पूर्व राष्ट्रपति के आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने अब चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा है कि संघ सभी के लिए आत्मीयता को आदर्श मानता है और इसलिए उसे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को अपने कार्यक्रम में बुलाने में कोई हिचक नहीं हुई. उन्होंने अपने अंदाज में आलोचकों को जोरदार प्रहार करते हुए कहा कि ‘जब वह (मुखर्जी) एक पार्टी में थे, तो वह उनसे (कांग्रेस से) संबंधित थे, लेकिन जब वह देश के राष्ट्रपति बन गए तो वह पूरे देश के हो गए.’ गौरतलब है कि संघ प्रमुख ने डॉ प्रणब मुखर्जी को अपने कार्यक्रम में आने का न्योता दिया था. इस पर प्रणब दा ने भी उन्हें निराश न करते हुए स्वीकृति प्रदान कर दी थी. संघ प्रमुख का यह बयां उस समय आया है, जब वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की ओर से आयोजित प्रेरणा विद्यार्थी सम्मेलन को अम्बोधित कर रहे थे. अातंकी बुरहान वानी की बरसी के कारण अाज कश्मीर बंद आरएसएस की तर्ज पर कांग्रेस के सेवादल में बदलाव बिहार: पिछले साल आई बाढ़ का मुआवजा अभी तक नहीं, करोड़ों लोग थे प्रभावित