भोपाल: आज सुबह मध्य प्रदेश में सीएम मोहन यादव की कैबिनेट का विस्तार हुआ, जिसमें कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में सम्मिलित हुए ओबीसी समुदाय के प्रमुख नेता रामनिवास रावत ने मंत्री पद की शपथ ली। रामनिवास रावत, श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा से विधायक हैं तथा उनके मंत्री बनने की संभावनाएं लंबे समय से जताई जा रही थीं। रामनिवास रावत का राजनीतिक सफर रामनिवास रावत ने हाल ही में 7 दिनों तक चलने वाली भागवत कथा के लिए कलश यात्रा का आयोजन किया था। इसी के चलते उन्हें सीएम आवास से बुलावा आया, जिसके बाद वे अपने समर्थकों के साथ भोपाल के लिए रवाना हो गए। 6 बार के MLA रावत ने 30 अप्रैल को एक जनसभा में सीएम डॉ. मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा एवं डॉ. नरोत्तम मिश्रा की उपस्थिति में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। यह घटना कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका साबित हुई थी। कौन हैं रामनिवास रावत? रामनिवास रावत विजयपुर सीट से 6 बार के MLA हैं तथा दिग्विजय सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। वे पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के खिलाफ कांग्रेस से संसदीय चुनाव भी लड़ चुके हैं। राज्य की राजनीति में एक प्रमुख OBC नेता के रूप में पहचान बनाने वाले रावत प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उनकी नाराजगी की मुख्य वजह कांग्रेस आलाकमान द्वारा अनदेखी तथा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ना बनाया जाना था। मंत्री बनने से रावत को क्या लाभ होगा? कांग्रेस से 6 बार विधायक रहे तथा पूर्व प्रदेश कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत के मंत्री बनने के बाद उनकी प्रतिष्ठा और बढ़ेगी। सूत्रों के मुताबिक, सरकार में उनकी भूमिका भी तय हो चुकी है तथा वे मोहन यादव की कैबिनेट में सम्मिलित होकर अपने कद को और बढ़ाएंगे। पहले भी रावत दिग्विजय सरकार में मंत्री रह चुके हैं, लेकिन 2003 से भारतीय जनता पार्टी की सरकार रहने के बाद वे विपक्ष में ही रहे थे। कमलनाथ सरकार आने के पश्चात् भी उन्हें कोई पद नहीं मिला, जिससे उनकी नाराजगी बढ़ती गई थी। रामनिवास रावत का मंत्री पद की शपथ लेना न केवल उनकी व्यक्तिगत राजनीतिक यात्रा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि मध्य प्रदेश की राजनीति में भी इसका महत्वपूर्ण प्रभाव होगा। कर्नाटक में भारी बारिश के बीच डेंगू के मामले 7,000 के पार, बैंगलोर सबसे ज्यादा प्रभावित 'अनावश्यक झगडे कर रही कर्नाटक सरकार, बातचीत से सुलझाएं मामला..', कांग्रेस को कुमारस्वामी की सलाह 'इस्लाम हमारी प्राथमिकता, स्कूली प्रार्थनाओं में भाग ना लें मुस्लिम बच्चे..', जमीयत उलेमा-ए-हिंद का आदेश !