कर्ज में डूबी मोहन यादव सरकार, इन 73 योजनाओं पर लगाया ब्रेक

भोपाल: मध्यप्रदेश में चल रही योजनाओं पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है। प्रदेश सरकार अपनी वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए निरंतर बाजार से कर्ज उठा रही है। अब सरकार एक बार फिर 5,000 करोड़ रुपये का लोन लेने जा रही है, जिसे 2 किश्तों में, 2,500-2,500 करोड़ रुपये के रूप में लिया जाएगा। इससे पहले, इसी महीने सरकार 5,000 करोड़ रुपये का लोन पहले ही ले चुकी है। 31 मार्च 2024 तक प्रदेश सरकार पर 3 लाख 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज हो चुका है। वित्तीय संकट को ध्यान में रखते हुए, वित्त विभाग ने 33 विभागों की 73 योजनाओं पर पाबंदी लगाई है। इसका अर्थ है कि इन योजनाओं पर खर्च करने के लिए पहले वित्त विभाग से अनुमति लेनी होगी। हालांकि, वित्त विभाग के अफसरों के अनुसार, राशि निकालने से पहले वित्त की अनुमति का मतलब यह नहीं है कि योजनाएं बंद हो गई हैं।

किन योजनाओं पर पाबंदी लगाई गई है? वित्त विभाग ने जिन 73 योजनाओं पर अनुमति लेना अनिवार्य किया है, उनमें नगरीय विकास एवं आवास योजना की 8 योजनाएं सम्मिलित हैं। इनमें कायाकल्प अभियान, महाकाल परिसर विकास योजना, नगरीय क्षेत्रों में अधोसंरचना निर्माण, और एमनी अर्बन डवलपमेंट प्रोजेक्ट पर रोक लगाई गई है। इसके अलावा, कृषि विभाग की समर्थन मूल्य पर किसानों से फसल उपार्जन पर बोनस, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मुख्यमंत्री पुलिस आवास योजना, मुख्यमंत्री लक्ष्मी योजना, ऋण समाधान योजना, औद्योगिकीकरण अधोसंरचना विकास, डेस्टिनेशन मध्यप्रदेश इंवेस्ट ड्राइव, क्लस्टरों की स्थापना, वेदांत पीठ की स्थापना, रामपथ गमन अंचल विकास योजना, मुख्यमंत्री बालिका स्कूटी योजना, मुख्य जिला मार्गों एवं अन्य का नवीनीकरण, लाडली बहना आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, युवक-युवतियों को रोजगार प्रशिक्षण, ग्रामीण परिवहन नीति के क्रियान्वयन, मां तुझे प्रणाम, और स्टेडियम एवं अधोसंरचना निर्माण जैसी योजनाएं सम्मिलित हैं।

किन 52 योजनाओं से पाबंदी हटाई गई है? वहीं, वित्त विभाग ने 52 योजनाओं से खर्च की पाबंदी को हटा दिया है। जुलाई माह में, वित्त विभाग ने 47 विभागों की 125 योजनाओं पर पाबंदी लगाई थी, जिनमें से अब 52 पर से रोक हटा ली गई है। बताया जा रहा है कि RBI से कर्ज लेने के पश्चात् इन विभागों से रोक हटाई गई है।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सतेंद्र जैन के अनुसार, "राज्य में कोई भी योजना बंद नहीं हुई है। वित्त विभाग से अनुमति लेना वित्तीय अनुशासन का हिस्सा है। राज्य सरकार के पास पैसों की कोई कमी नहीं है। नई योजनाओं पर काम हो रहा है तथा पुरानी योजनाओं का लाभ भी लोगों को मिल रहा है।" वहीं, कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने सरकार द्वारा निरंतर कर्ज लिए जाने को लेकर निशाना साधा है। उनका आरोप है, "सरकार की अधिकांश योजनाएं कर्ज लेकर चल रही हैं।"

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