आप सभी को बता दें कि वैशाख शुक्ल एकादशी यानी मोहिनी एकादशी पर भगवान विष्णु की आराधना करने से सुख-समृद्धि मिलना शुरू हो जाती है. इसी के साथ इस बार मोहिनी एकादशी 15 मई को है. जी हाँ, कहा जाता है इस व्रत को रखने से शाश्वत शांति मिल जाती है. कहा जाता है इस दिन व्रत-उपवास रखकर मोह-माया के बंधन से मु‍क्त होने के लिए यह एकादशी बहुत अच्छी मानी जाती है. कहते हैं भक्ति और आराधना से जोड़कर सुखद भविष्य का निर्माण भी करता है. खास बातें- कहते हैं स्कंद पुराण के अनुसार मोहिनी एकादशी के दिन समुद्र मंथन में निकले अमृत का बंटवारा हुआ था और अवंतिका खंड में शिप्रा को अमृतदायिनी, पुण्यदायिनी कहा गया. इसी के साथ मोहिनी एकादशी पर शिप्रा में अमृत महोत्सव का आयोजन किया जाता है इस वजह से कहा जाता है ''तत सोमवती शिप्रा विख्याता यति पुण्यदा पवित्राय...'' कहते हैं अवंतिका खंड के अनुसार मोहिनी रूपधारी भगवान विष्णु ने अवंतिका नगरी में अमृत वितरण किया था और देवासुर संग्राम के दौरान मोहिनी रूप रखकर राक्षकों को चकमा दिया और देवताओं को अमृत पान करवाया. आप सभी को बता दें कि इस दिन देवासुर संग्राम का समापन दिन भी माना जाता है. कहते हैं मोहिनी एकादशी के अवसर पर श्रद्धालुओं को सुबह से ही पूजा-पाठ, प्रातःकालीन आरती, सत्संग, एकादशी महात्म्य की कथा, प्रवचन सुनना चाहिए. इसी के साथ भगवान विष्णु को चंदन और जौ चढ़ाने चाहिए क्योंकि यह व्रत परम सात्विकता और आचरण की शुद्धि का व्रत होता है. कहते हैं इस दिन से हमें अपने जीवन काल में धर्मानुकूल आचरण करते हुए मोक्ष प्राप्ति का मार्ग धारण कर लेना चाहिए. ऐसे हुआ था माँ सीता का जन्म, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त पुरुष के पैर बता सकते हैं उसकी हैसियत, जानिए कैसे अगर खरीदने जा रहे हैं वाहन तो यहाँ जानिए इस महीने के शुभ मुहूर्त