चंडीगढ़ः हरियाणी के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर ईडी शिकंजा कसती जा रही है। प्रवर्तन निदेशालय ने गुरूवार को पूर्व सीएम हुड्डा के करीबी सहयोगियों पर कारवाई करते हुए उनके 30.34 करोड़ रुपये के एक दर्जन से अधिक औद्योगिक प्लॉट जब्त किए। जांच एजेंसी ने पंचकूला में आवंटित 14 प्लॉट को धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जब्त करने के अस्थाई आदेश जारी किए। ईडी कुछ समय पहले चंडीगढ़ में हुड्डा से पूछताछ की थी और उनके बयान दर्ज किए थे। ईडी ने कहा कि इन औद्योगिक प्लॉट को तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के निकट सहयोगियों को फर्जी तरीके से आवंटित किया गया था जो उस वक्त हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के पदेन अध्यक्ष थे। उन्होंने कहा, चूंकि फर्जी तरीके से प्लॉट हासिल किया जाना आपराधिक कृत्य हैं, इसलिए पीएमएलए के तहत अस्थायी रूप से उन्हें जब्त कर लिया गया है। इसने कहा कि जांच से पता चला है कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) में 2011 में आवंटन के लिए प्लॉट उपलब्ध थे। इसने कहा, आवंटन का मूल्य बाजार दर से काफी कम रखा गया था। उस वक्त कलेक्टर दर आवंटन के लिए निर्धारित दर से चार-पांच गुना अधिक थी। इसने बताया कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया था कि इस तरह के आवंटन के लिए निष्पक्ष एवं पारदर्शी मानक बनाए जाएं। प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाए, "आवेदन की अंतिम तिथि बीत जाने के 18 दिन बाद आवंटन के मानक बदल दिए गए और सभी आवेदकों के आंकड़े हुडा के पास थे। साक्षात्कार समिति के अधिकार बढ़ाकर पूर्व चयनित आवेदकों के पक्ष में कुछ मानकों में फेरबदल कर दिए गए। हरियाणा में अगले कुछ माह में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में हुड्डा पर ईडी का शिकंजा उनकी राजनीतिक संभावनाओं पर चोट है। भाजपा नेता चिन्मयानंद पर आरोप लगाने के बाद गायब हुई छात्रा, आज मामले की सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष पर फिर हुआ हमला, तृणमूल पर लगा आरोप शशि थरूर को कांग्रेस से राहत, पीएम मोदी की तारीफ वाले बयान पर नहीं होगी कारवाई