मुंबईः महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के तारीखों के ऐलान के साथ ही वहां राजनीति गरमा गई है। प्रवर्तन निदेशालय ने राज्य के दिग्गज नेता और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार के खिलाफ महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक से जुड़े मामले में केस दर्ज कर लिया है। उनपर मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप लगा है। इस कारवाई से नाराज होकर एनसीपी कार्यकताओं ने ईडी ऑफिस के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। दरअसल एनसीपी अध्यक्ष पवार ने इस मामले में कहा था कि 'अगर मुझे जेल जाना पड़े तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है। मुझे प्रसन्नता होगी, क्योंकि मुझे यह अनुभव कभी नहीं हुआ। यदि किसी ने मुझे जेल भेजने की योजना बनाई है, तो मैं इसका स्वागत करता हूं। शरद पवार अब प्रवर्तन निदेशालय के रडार पर आ गए हैं। बता दें कि ईडी ने महाराष्ट्र सहकारी बैंक घोटाला मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार, उनके भतीजे और पूर्व उप मुख्यमंत्री अजीत पवार व अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का आपराधिक मामला दर्ज किया है। ईडी के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि यह घोटाला करीब 25 हजार करोड़ का है। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत पुलिस की ओर से दर्ज एफआइआर के समकक्ष मानी जाने वाली प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है। पुलिस की ओर से दर्ज प्रथमिकी के अनुसार, एक जनवरी 2007 से 31 मार्च 2017 के बीच हुए महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले के कारण सरकारी खजाने को कथित तौर पर 25 हजार करोड़ रुपये की हानि हुई है। आगामी चुनाव को लेकर यह मामला राज्य की राजनीति में और उबाल पैदा करेगा। अनुच्छेद 370 और 35 ए के मुद्दे पर इस यूनिवर्सिटी के छात्रों से बात करेंगे सीएम योगी हनी ट्रैप: बीजेपी आलाकमान ने प्रदेश इकाई से मांगा स्पष्टीकरण बसपा सुप्रीमों मायवती के गृह जनपद में घटे इस मामले ने किया पारा हाई