ऑस्ट्रेलिया के सफलतम कप्तानों में से एक रहे रिकी पोंटिंग ने अपनी कप्तानी के दौरान का सबसे खराब पल का खुलासा किया है. पोंटिंग ने माना है कि मंकीगेट उनकी कप्तानी कार्यकाल का सबसे खराब समय रहा. मंकीगेट ने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट की जमकर किरकिरी कराई थी. ये वो प्रकरण था जब हरभजन सिंह एंड्रयू साइमंड्स से भिड़ गए थे. इस विवाद के बाद साइमंड्स ने आरोप लगाया था कि हरभजन ने उन्हें बंदर कहा था. यह मामला इतना बढ़ा कि टीम इंडिया दौरे के बहिष्कार के बारे में सोचने लगी थी. सचिन तेंडुलकर ने अपनी आत्मकथा 'प्लेइंग इट माय वे' इसका जिक्र किया है. उन्होंने लिखा कि इस प्रकरण को बेवजह तूल दिया गया. यदि तत्कालीन ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग और मैच रैफरी माइक प्रॉक्टर चाहते तो यह मामला इतना बढ़-चढ़कर सामने नहीं आता. बात जनवरी 2008 की है. ऑस्ट्रेलिया में सुबह नौ-से दस के बजे के बीच खेल शुरू होता है, लेकिन भारत के समयानुसार खेल सुबह के चार बजे के लगभग. रिपोर्ट्स के अनुसार सीरीज का दूसरा टेस्ट था, पहला टेस्ट मेलबर्न में खेला गया था, जिसे भारतीय टीम गंवा चुकी थी. सचिन, द्रविड़, वीवीएस जैसे सुरमाओं से सजी भारतीय टीम दूसरे टेस्ट में वापसी करने के लिए बेकरार थी. खेल शुरू हुआ, ऑस्ट्रेलियाई टीम ने टॉस जीता, बल्लेबाजी चुनी और पहली पारी में 463 रन बनाए. जवाब में भारतीय टीम ने पहली पारी में 532 रन बना दिए. वीवीएस और सचिन ने शतक जड़ा. आठवें विकेट के लिए सचिन और हरभजन के बीच 129 रन की साझेदारी हुई. भज्जी ने अर्धशतक बनाया और इसी पार्टनरशिप के दौरान शुरू हुई मंकी गेट प्रकरण की कहानी. जानकारी के लिए हम बता दें कि तेंदुलकर ने अपनी किताब में लिखा कि भज्जी जब 50 रन बना चुके थे तब इस मामले की शुरुआत हुई. भज्जी मुझे कई बार कह चुके थे कि एंड्रयू साइमंड्स उन्हें उत्तेजित करने की कोशिश कर रहे हैं. मैंने उन्हें कहा था कि इन बातों पर ध्यान नहीं देकर बल्लेबाजी पर फोकस करें. सचिन के समझाने के बाद हरभजन एक फिर से अपने काम में लग गए. जाहिर है ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी क्रिकेट के साथ स्लेजिंग में भी तब अव्वल ही माने जाते थे और दबाव में संयम बनाए रखना आसान कहां होता है. कोरोना की वजह से रद्द हुए खेल टूर्नामेंट, कुछ इस तरह से समय बीता रहे खिलाड़ी BCCI के लिए बड़ी चुनौती, कोरोना के अलावा IPL के सामने एक और बाधा 13 साल पहले जब होटल में मिली थी कोच की लाश, वर्ल्ड कप के दौरान मच गया था हड़कंप