मोनसांटो ने देश में बिज़नेस को लेकर पुर्नविचार करने को कहा

हाल ही में बाजार से जेनेटिकली मोडिफाइड बीटी कॉटन के बीज पर रॉयल्टी फीस घटाने के लिए सरकार के द्वारा गठित एक समिति के प्रस्ताव सामने आये है. जिसे लेकर अब ग्लोबल एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी कंपनी मोनसांटो ने देश में बिज़नेस को लेकर पुर्नविचार करने को कहा है. बता दे कि मामले में कम्पनी की चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर शिल्पा दिवेकर निरूला ने यह कहा है कि यदि बीटी कॉटन बीज पर समिति के प्रस्तावों को लागू कर दिया जाता है तो पुनर्विचार करने के अलावा हमारे पास कोई अन्य विकल्प नहीं बचता है.

गौरतलब है कि इस मामले में कुछ समय पहले ही एक खबर भी सामने आई थी कि कॉटन की कीमतों पर मोनसांटो को दी जाने वाली रॉयल्टी फीस में 70 फीसदी कमी करने की सिफारिश केंद्र के द्वारा बनाई गई समिति के द्वारा की गई है.इसके साथ ही यह भी कहा गया था कि बीज की कीमतें भी जल्द ही कम की जाए. मामले में ही यह बात भी सामने आई है कि यदि समिति की ये सिफारिशें लागू हो जाती है तो इससे देश के 80 लाख किसानों को फायदा होने वाला है.

बता दे कि 27 जनवरी को केंद्र सरकार ने 9 सदस्यीय कॉटन बीज की मूल्य निर्धारण समिति का गठन किया था. और समिति ने इसके बाद 450 ग्राम वजन वाले बोलागार्ड- 2 बीटी कॉटन बीज के पैकेट की कीमत 800 रुपये रखने की सिफारिश की है. जबकि साथ ही यह भी सुनने में आ रहा है कि महाराष्ट्र में यह पैकेट 830 रुपये, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 930 रुपये तथा पंजाब और हरियाणा जैसे उत्तर भारत के राज्यों में 1100 रुपये का बिक रहा है.

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