वॉशिंगटन: पूरी दुनिया के 195 देश कोरोना वायरस की चपेट में हैं। इससे अब तक 27,343 लोगों की मौत हो चुकी हैं। एक लाख 33 हजार 57 लोग इस वायरस स्वस्थ हो चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने कोरोनावायरस से प्रभावित 64 देशों को महामारी से निपटने में सहायता के लिए 174 मिलियन डॉलर देने की घोषणा की है। इसके तहत भारत को 2.9 मिलियन डॉलर (लगभग 21.7 करोड़ रु.) की सहायता राशि दी जाएगी। वहीं, इटली, स्पेन और फ्रांस में 16,267 लोगों की मौत हुई है। यह दुनियाभर में हुई कुल मौतों का तक़रीबन 60% है। अमेरिका में कोरोनावायरस के संक्रमितों का आंकड़ा एक लाख चार हजार है। यह संख्या इटली और चीन से भी अधिक हो गई है। यहां 24 घंटे में 402 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि संक्रमण के 18,691 नए मामले दर्ज किए गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 2.2 ट्रिलियन डॉलर के राहत पैकेज पर दस्तखत किए है। यह अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा राहत पैकेज है। इसका उपयोग कोरोनावायरस के कारण जूझ रहे अमेरिकी इकॉनमी को संभालने के लिए किया जाएगा। यह विधेयक दो दिन पहले अमेरिकी संसद के दोनों सदनों सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स में पास हो गया था। अमेरिका इस समय की सबसे बड़ी बेरोजगारी की दिक्कत से भी जूझ रहा है। देश में तक़रीबन 33 लाख लोगों ने खुद के बेरोजगार होने का पंजीकरण करवाया है। अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि चीन कोरोनोवायरस महामारी से जुड़े अपने डेटा को अमेरिका के साथ साझा करेगा। देश बीजिंग के अनुभव से सीखेगा। ट्रम्प ने टेलीफोन पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से चर्चा की। जिनपिंग ने कोरोनोवायरस से लड़ने में ट्रम्प को पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। अमेरिका महामारी के अगला एपिसेंटर के रूप में उभरकर सामने आया है। क्या चीन ने जैविक हथियार की तरह किया 'कोरोना' का इस्तेमाल ? भारत ने उठाए सवाल 2009 से भी ज्यादा बदतर स्थिति में पहुंची ग्लोबल इकॉनमी, सभी देशों की हालत ख़राब- IMF प्रमुख अमेरिका में बढ़ी कोरोना की मार, संक्रमितों की संख्या 1 लाख के पार