व्यक्ति के पास जरूरत से अधिक धन भीउसकी बुद्धि को भ्रष्ट कर देता है और वह व्यक्ति उस धन का दुरूपयोग करने लगता है. अभी दीपावली का त्यौहार निकट आ रहा है इस दिन माता लक्ष्मी के साथ-साथ व्यक्ति को श्री गणेश जी की भी आराधना करना चाहिए जिससे की आपको बुद्धि और विवेक की प्राप्ति भी हो सके और आपके धन का सदुपयोग हो सके. इसी से सम्बंधित एक पौराणिक कथा है जिसमे अधिक धन होने के परिणाम का उदाहरण दिया गया है आइये जानते है. एक बार एक साधू के मन में राज सुख प्राप्त करने की इच्छा जाग्रत हुई, जिसके कारण उसने माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उनकी आराधना प्रारंभ की. जिससे प्रसन्न होकर माता लक्ष्मी ने साधू को उच्च पद और सम्मान प्राप्ति का वरदान देकर अंतर्ध्यान हो गई. अगले दिन वह साधू एक राजा के दरबार में पहुंचा. और अपने अहंकार के कारण उसने राजा को धक्का मार दिया जिससे राजा का मुकुट जमीन पर गिर गया. वहां उपस्थित राजा के सैनिक साधू को मारने के उद्देश से उसकी तरफ दौड़े तभी अचानक राजा के मुकुट से एक काला नाग निकलकर भागने लगा. जिसे देखकर वहां उपस्थित सभी लोग चकित हो गए और साधू को चमत्कारी समझकर उसकी जय जय कार करने लगे. राजा ने अपनी जान बचाने वाले साधू को खुश होकर मंत्री बना दिया और उसे एक अलग महल देकर सम्मानित किया. और साधू शान से उस महल में सम्मान से निवास करने लगा. तभी एक दिन अचानक साधू राज दरबार में आकर राजा का हांथ खीचकर महल से बाहर आ गया. यह देखकर वहां उपस्थित सभी लोग उनके पीछे बाहर आ गए तभी अचानक वहां भूकंप आ गया और सबकी जान फिर से उस साधू ने बचा ली. इस घटना के कारण साधू का अहंकार और अधिक बढ़ गया. उस राज महल में एक गणेश जी की प्रतिमा विराजमान थी जिसे उस साधू ने यह कहकर हटवा दिया की यह प्रतिमा अच्छी दिखाई नहीं देती है. साधू के इस कृत्य के कारण गणेश जी उसपर रुष्ट हो गया और उसकी बुद्धि भ्रष्ट कर दी. जिससे वह साधू अनुचित कार्य करने लगा. उसके अनुचित कार्य को देखकर राजा ने उसे कारागार में डलवा दिया. महिलाओं के पेट में बात न पचने का कारण आप भी जान लें जानिये गंगा जल किस तरह आपके जीवन में खुशियाँ ला सकता है घर के मुख्य द्वार पर लगी Name plate नकारात्मक ऊर्जा का कारण भी हो सकता है तो विवाहित जीवन से परेशानियां हो जाएंगी छू-मंतर