विज्ञान के चमत्कार ने जितना इंसानों को फायदा पहुंचाया हैं, उतना ही ये लोगों के लिए घातक भी हुआ हैं. एक समय था जब अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराया था, जिसमें लाखों लोगों की मौत हो गई थी. हालांकि ये तो बस एक-एक बम थे, लेकिन सबसे ज्यादा घातक. आज हम आपको मानव इतिहास की सबसे विनाशकारी बमबारी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारें में जानकार हैरान हो जाएंगे. जिसमें पूरे शहर पर इतने बम गिराए गए थे कि एक ही रात में करीब एक लाख लोगों की मौत हो गई थी. इस विनाशकारी बमबारी को 'बॉम्बिंग ऑफ टोक्यो' या 'ग्रेट टोक्यो एयर रेड' के नाम से जाना जाता है, क्योंकि यह जापान की राजधानी टोक्यो में हुई थी. यह बमबारी हिरोशिमा और नागासाकी परमाणु हादसे से चार महीने पहले हुई थी, लेकिन इसमें समानता ये है कि इस भयानक और विनाशकारी घटना को भी अमेरिका ने ही अंजाम दिया था. द्वितीय विश्व युद्ध चल रहा था. अमेरिका ने एक ऑपरेशन लॉन्च किया, जिसका नाम था 'ऑपरेशन मीटिंगहाउस'. इस ऑपरेशन के तहत अमेरिका ने अपने 279 बोइंग बी -29 विमानों को टोक्यो पर बमबारी के लिए भेजा. नौ मार्च 1945 की रात यह ऑपरेशन शुरू हुआ और अमेरिकी विमानों ने पूरे टोक्यो शहर पर बम गिराना शुरू कर दिया. 10 मार्च 1945 को सुबह 'ऑपरेशन मीटिंगहाउस' खत्म हो गया यानी यह ऑपरेशन महज एक ही दिन चला, लेकिन इस एक दिन में अमेरिकी विमानों ने इतने बम बरसाए कि लगभग एक लाख लोग मारे गए जबकि 1.25 लाख से ज्यादा लोग घायल हो गए. इसके अलावा करीब 10 लाख लोग बेघर हो गए. हालांकि इस घटना में 14 अमेरिकी विमान भी दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे, जिसमें करीब 96 वायुसैनिक मारे गए. एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी विमानों ने टोक्यो पर करीब 1665 टन बम गिराए थे. इस बमबारी में दो लाख 86 हजार से अधिक इमारतें और घर पूरी तरह तबाह हो गए थे. यही वजह है कि इसे दुनिया का सबसे विध्वंसक हवाई हमला माना जाता है. 1900 साल पहले इस शहर में इंसान से लेकर जानवर तक बन गए थे पत्थर दुनिया का एक ऐसा शहर, जहां पर मोबाइल, टीवी और रेडियो हैं प्रतिबंधित गरीब का सपना हुआ साकार, इस देश ने दिया आलीशान होटल में रहने का मौका