बैंगलोर: कर्नाटक में कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता तो हासिल कर ली है, लेकिन अब बंटवारा करने में पार्टी को समस्या आ रही है. दरअसल, कर्नाटक में सीएम की कुर्सी किसे मिलेगी ? इसे लेकर सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच खींचतान चल रही है. इसी बीच पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने बड़ा बयान देकर सियासी हलचल मचा दी है. उन्होंने कहा है कि ज्यादातर विधायक उन्हें सीएम बनाना चाहते हैं. दरअसल, कर्नाटक में कांग्रेस के पास दो दिग्गज नेता हैं, जिनके बीच सीएम पद को लेकर पेच फंसा हुआ है. सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच CM पद को लेकर खींचतान की खबरें आ रही हैं. दोनों के समर्थक अपने-अपने नेता को सीएम बनाने की मांग कर रहे हैं. हालाँकि, अंतिम फैसला कांग्रेस हाई कमान को ही करना है. बता दें कि मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर जारी तकरार के बीच, इसे सुलझाने के लिए कांग्रेस ने 3 सदस्यीय पर्यवेक्षकों की टीम गठित की थी. ये टीम विधायकों से सलाह-मशवरा करके अपनी फिडबैक पार्टी आलाकमान को सौंपेगी. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का कहना है कि वे सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ चर्चा करने के बाद ही सीएम फेस पर अंतिम मुहर लगाएंगे. बता दें कि, सिद्धारमैया कुरुबा समुदाय से आते हैं और यह समुदाय सूबे में तीसरी सबसे बड़ी आबादी है. सिद्धारमैया पहले JDS में थे, जहां से उन्हें बाहर कर दिया गया था. उस समय सिद्धारमैया ने 'राजनीति से संन्यास' की बात कहते हुए वकालत के पेशे में लौटने का ऐलान कर दिया था. लेकिन, उन्होंने ऐसा नहीं किया. सिद्धारमैया 1983 में लोकदल के टिकट पर चामुंडेश्वरी विधानसभा सीट से जीत दर्ज कर पहली बार विधयक बने थे. उन्होंने इस सीट से 5 बार जीत दर्ज की है और वे कांग्रेस की सरकार में मुख्यमंत्री भी बन चुके हैं. उन्हें इस सीट से तीन बार शिकस्त का भी सामना करना पड़ा. 'भाजपा की प्रोपेगेंडा फिल्म है The Kerala Story, मोदी-शाह कर रहे दुरूपयोग..', संजय राउत ने दागे कई सवाल 'एकनाथ शिंदे के पास सही हाथों में शिवसेना..', उद्धव ठाकरे को भतीजे निहार ने दिखाया आइना, बोले- यदि बालासाहेब जिन्दा होते.. मुस्लिमों की बदौलत जीती कांग्रेस, 1 डिप्टी-CM, 5 मंत्री पद और अच्छे विभाग मुसलमानों को मिले- कर्नाटक वक़्फ़ बोर्ड की मांग