इराक में IS के आतंक का अंत, सेना ने इराकी झंडा फहराया

मोसुल : लम्बे अर्से तक चली जंग के बाद आखिर इराकी सेना ने इराक में आईएस के आतंक के किले को आखिर ढहा ही दिया. आतंकी संगठन IS अपनी राजधानी मोसुल को हार गया है. मोसुल पहुंचे इराक के प्रधानमंत्री हैदर अल-अबादी ने मोसुल में जीत की घोषणा के साथ ही मोसुल फतह के लिए सेना और सभी सहयोगी बलों को बधाई दी है.

गौरतलब है कि मोसुल को 2014 में आइएस ने अपनी राजधानी बनाया था. आईएस के खिलाफ संयुक्त सेना की यह लड़ाई नौ महीने चली.अंतत: इस्लामिक स्टेट (आइएस) के पांव उखड़ गए और इराक में उसे अपनी राजधानी मोसुल को खोना पड़ा. मोसुल की इस लड़ाई में हजारों शहरवासियों को अपनी जान गंवानी पड़ी है और करीब दस लाख लोगों को अपना ठिकाना छोड़कर शिविरों में या अन्यत्र रहना पड़ा था. इस लड़ाई में बड़ी संख्या में इराकी सेना के जवान भी शहीद हुए हैं. हजारों आतंकी मारे गए है.

बताया जा रहा है कि इराकी सेना के कमांडो दस्ते आतंकियों की घर-घर  तलाशी ली जा रही है . अंदेशा है कि आतंकी जान बचाने या घात लगाकर हमला करने के लिए कहीं छिपे हो सकते हैं. इसलिए लड़ाकू विमान लगातार शहर के ऊपर चक्कर लगाकर हालात पर नजर रखे हुए हैं.अंदेशा होने पर बम गिराए जा रहे है 

इराकी सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल याह्यï रसूल के अनुसार रविवार को टिगरिस नदी से फरार होने की कोशिश कर रहे 30 आतंकी मारे गए हैं.आईएस सरगना अबू बकर अल-बगदादी लापता है. जबकि रूस का दावा है कि उसे सीरिया में आईएस की राजधानी रक्का में मार गिराया गया है, लेकिन उसकी लाश अभी तक नहीं मिली है. मोसुल अब आजाद है. सेना ने मोसुल शहर में नदी के किनारे इराकी झंडा फहरा दिया है.

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