समाज सेवा की मिसाल मदर टेरेसा का आज 108 वा जन्मदिन है। उनका जन्म 26 अगस्त 1910 में इटली के अल्बीनिया में हुआ था। उनका असली नाम अग्नेसे गोंकशे बोजिशयु था जिसे बाद में बदल का कर उन्होंने अपना नाम टेरेसा रख लिया था। बाद में लोगो ने उन्हें आदर से मदर टेरेसा कहना शुरू कर दिया था। पति ने पत्नी से ऐसे लिए बदला, गुजारे भत्ते में दिए 890 किलो के सिक्के बचपन से ही उनका झुकाव समाज सेवा की ओर था, जिस कारण उन्होंने बहुत कम उम्र में रोमन कैथोलिक नन बनने का फैसला कर लिया। मात्रा 18 साल की उम्र में ही उन्होंने कैथोलिक चर्च ज्वाइन कर लिया था जिसके बाद से वे कभी अपने घर नहीं लौटी। इटली में जन्मी मदर टेरेसा ने भारत को अपनी कर्मभूमि चुना और 1950 में कोलकाता में मिशनरीज अॅाफ चैरिटी की स्थापना की। इस संस्था को सुरु करने का उनका मकसद यही था कि इसक्वे जरिये वो गरीबों, बीमार और अनाथ लोगों की मदद कर सके। उन्होंने कुष्ठ रोगियों को भी शरण दी जिन्हें समाज ठुकरा चुका था। इसके साथ ही उन्होंने टीबी के मरीजों की भी बहुत सेवा की थी। वैज्ञानिकों का दावा: केरल बाढ़ मात्र नमूना, आने वाला है जलप्रलय !!! मदर टेरेसा को सामाजिक कार्यों की वजह से उन्हें 1979 में नोबल शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चूका है। उन्हें कई अन्य पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चूका है। मदर टेरेसा का नाम कुछ विवादों से भी जुड़ा था। उनके विरोधियों ने उनपर यह आरोप लगाए थे कि उनकी मानव सेवा के पीछे धर्मांतरण का उद्देश्य छिपा है। हालांकि उन्होंने इस बारे में कभी कुछ नहीं कहा। मदर टेरेसा की मृत्यु 5 सितंबर 1997 को हार्ट अटैक की वजह से हुई थी। ख़बरें और भी अमेरिका ने जारी की ब्लैक लिस्ट, 3 एशियाई लोग शामिल पाकिस्तान ने अधिकारियों की इन सुविधाओं पर रोक लगाई अब तक की सुर्खियां विस्तार से...