एक तरफ जहाँ देश के गरीब आदमी को ठीक से एक वक़्त का अनाज नहीं मिल रहा है तो वहीँ गुजरात में गरीबों के लिए आवंटित 12210 करोड़ रुपए का अनाज कालाबाजारी और डायमंड के व्यापारी ही हजम कर गए. गुजरात विधानसभा में बुधवार को विपक्ष के नेता परेश ने नागरिक आपूर्ति और ग्राम विकास की मांग पर चर्चा में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा पर सवाल उठाये हैं. उनका कहना है कि राज्य में तकरीबन 25 प्रतिशत नकली राशन कार्ड और नकली फिंगरप्रिन्ट से अनाज उठा लिया जाता है. राज्य के संत महंत, नेता, अभिनेता, उद्योगपति तथा सासंद और कलाकारों के नाम पर बीपीएल कार्ड बनाकर अनाज का गबन किया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया है कि भाजपा की सांसद दर्शना जड़दोश और विधायक झंखना पटेल और सूरत के लक्ष्मी डायमंड के उद्योगपति वसंत गजेरा के नाम पर भी बीपीएल कार्ड है. इनके नाम से भी गरीबों का अनाज उठा लिया जाता है. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या सांसद, विधायक और उद्योगपति भी गरीबों की श्रेणी में है. उन्होंने कहा कि ऑडिट में यह भी जानकारी मिली है कि रामायण पाठ पढ़ाने वाले बापू, तलगाजरड़ी के महामंडलेश्वर भारती बापू के नाम पर भी बीपीएल कार्ड है. राज्य में मशहूर लोगों का बीपीएल कार्ड बनाकर उनके अंगूठों का निशान खुदी लगाकर हर महीने करोड़ों रुपयों का अनाज हजम कर लिया जाता है. तत्कालीन यूपीए सरकार ने राइट टू फूड का कानून बनाया लेकिन गुजरात सरकार गरीबों तक अनाज पहुंचाने में असफल रही है. जीत के बाद सदमे में था ये भारतीय खिलाड़ी बीजेपी शासित राज्यों में सौ गुना ज्यादा अवैध खनन हेमंत कटारे मामले में अदालतों ने पैदा किया संशय