भोपाल: मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (एमपीबीएसई) ने संबल योजना के तहत 2 लाख विद्यार्थियों की परीक्षा फीस वापस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बोर्ड द्वारा गुरुवार को जारी नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, यह फीस वापसी की प्रक्रिया 22 नवंबर तक पूरी कर ली जाएगी। वापस की गई राशि सीधे संस्थानों के बैंक खातों में जमा कर दी जाएगी। हर साल 18 लाख से ज़्यादा छात्र एमपीबीएसई द्वारा आयोजित कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा देते हैं, जिसके लिए 1,200 रुपये का परीक्षा शुल्क लिया जाता है। पिछले 15 सालों से एससी और एसटी छात्रों को शुल्क से छूट दी गई थी। 2018 में, सरकार ने संबल योजना के तहत आने वाले छात्रों को भी यह छूट दी, जो सामाजिक सुरक्षा और वित्तीय सहायता प्रदान करके असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का समर्थन करती है। हालांकि, इस साल बोर्ड ने शुरू में संबल योजना के 2.5 लाख छात्रों की फीस माफी रद्द कर दी थी, जिससे उनमें चिंता पैदा हो गई थी। नीति में संशोधन के बाद, एमपीबीएसई ने फीस माफी को फिर से लागू करने का फैसला किया, लेकिन तब तक करीब 2 लाख छात्र अपनी फीस ऑनलाइन जमा कर चुके थे। अब बोर्ड रिफंड की प्रक्रिया कर रहा है। सरकार के निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि संबल योजना के तहत पात्र कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों से परीक्षा शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए, बोर्ड इसका खर्च वहन करेगा। हालांकि, एमपीबीएसई को इन छात्रों के लिए 26 करोड़ रुपये का वार्षिक खर्च वहन करने के बावजूद राज्य सरकार से अभी तक प्रतिपूर्ति नहीं मिली है। यह अवैतनिक राशि लगभग 150 करोड़ रुपये हो गई है, और बोर्ड ने बिना किसी प्रतिक्रिया के बार-बार प्रतिपूर्ति का अनुरोध किया है। शैक्षणिक संस्थाओं को 22 नवंबर तक एमपी ऑनलाइन पोर्टल पर विद्यार्थियों की पात्रता संबंधी जानकारी अपडेट करने तथा संबल कार्ड अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं। संभागीय कार्यालय 3 दिसंबर तक इस डेटा का सत्यापन करेंगे। रिफंड प्रक्रिया में जिला एजेंसियों और स्कूलों के बीच समन्वय की आवश्यकता होगी, ताकि सभी पात्र विद्यार्थियों को उनकी रिफंड राशि शीघ्र प्राप्त हो सके। वक्फ बोर्ड के विरोध में उतरे 1000 चर्च, दांव पर सैकड़ों ईसाईयों के घर झूले में फंस गए लड़की के बाल, फिर जो हुआ वो कर देगा हैरान विस्तारा एयरलाइन्स की आज अंतिम उड़ान, कल से एयर इंडिया संभालेगी कमान