लगातार पांचवीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर बना इंदौर, प्रदेश को मिले 35 पुरस्कार

इंदौर: एक बार फिर से इंदौर ने स्वच्छ शहर बनकर पंच लगा डाला है। अब तक इंदौर ने 4 बार स्वच्छ शहर बनकर चौका लगाया था लेकिन आज इंदौर ने पांचवी बार भी स्वच्छ शहर का तमगा अपने नाम कर लिया है। इस बार एक बार फिर से इंदौर को स्वच्छता में नंबर-1 का खिताब मिल गया है। आज दिल्ली में आयोजित समारोह में इंदौर को कचरा मुक्त शहर की स्टार रेटिंग का खिताब भी मिला है। इसी के साथ ही 12 करोड़ का सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज अवार्ड भी इंदौर नगर निगम को मिला है।

आप सभी को हम यह भी जानकारी दे दें कि ये पुरस्कार पहली बार शुरू किया गया है। ऐसे में यह कहा जा रहा है कि कुल मिलाकर इंदौर शहर को इस बार तीन पुरस्कार मिले हैं। इसी के साथ ही सफाई मित्र इंदिराबाई आदिवाल को भी सम्मानित किया गया है। आप सभी को बता दें कि इंदौर में स्वच्छता सर्वेक्षण अवार्ड कार्यक्रम को देखने के लिए 10 स्थानों पर एलसीडी स्क्रीन लगाई गई है। इस लिस्ट में राजबाड़ा भी शामिल है जहाँ सफाई मित्र बड़ी संख्या में एकत्रित हुए है। अवॉर्ड की घोषणा होने के बाद लोग आतिशबाजी कर रहे हैं और केक काटकर जश्न मना रहे हैं। आपको बता दें कि स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 समारोह नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया गया और समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी सहित कई अधिकारी मौजूद थे। आपको यह भी बता दें कि मध्य प्रदेश को इस साल 35 पुरस्कार प्रदान किए गए।

 

किन पॉइन्ट्स पर मिला सबसे स्वच्छ शहर का खिताब-

– नगर निगम के 11 हजार 364 कर्मचारी रोज उठाते हैं 1200 टन कचरा। – रात तीन बजे से होती है शहर की साफ-सफाई और सड़कों की धुलाई। – देश का पहला वॉटर प्लस शहर बना इंदौर। – नाला टेपिंग की वजह से स्वच्छ नदियां। – शहर की कान्हा और सरस्वती नदियों समेत 27 नालों को सीवर मुक्त किया। – सीवरेज वाटर का ट्रीटमेंट कर पानी सड़क धुलाई, गार्डन, खेती के काम में लिया गया। – सार्वजनिक टॉयलेट की सफाई के लिए सेंसर लगाए गए। – सेंसर से गंदगी का स्तर सीधे कंट्रोल रूम में दर्ज होता है और सफाई करने वाली टीम को मौके पर भेज दिया जाता है। – टॉयलेट के आसपास हरियाली और पेंटिंग करवाई। – शहर की 700 दीवारों पर थ्री-डी पेंटिंग। – शहर के प्रमुख चौराहों, सड़कों, नदी किनारों, बगीचों में स्वच्छता के संदेश लिखे हैं। – दीवारों पर कोरोना वॉरियर की थ्री-डी पेंटिंग बनी है। – निर्माणाधीन इमारतों को तिरपाल से ढंका है। – निर्माण कार्य के दौरान उठने वाली धूल और सीमेंट की रोकथाम के लिए काम। – तिरपाल से ढंकना अनिवार्य किया, ऐसा न करने वाले पर 10 हजार रुपए तक का स्पॉट फाइन। – गंदगी फैलाने वालों पर स्पॉट फाइन। – शराब अहातों पर बनाए गए यूरिनल, कचरे के लिए रखवाए गए डस्टबिन। – शहर में हुआ 4 आर गार्डन्स का निर्माण। – डिस्पोजल फ्री बनाए गए बाजार, 56 दुकान और सराफा चौपाटी से हुई शुरूआत। – जीरो वेस्ट वार्ड बनाने पर रहा जोर। – कचरा उठाने में लगे वाहनों की मॉनिटरिंग के लिए जीपीएस ट्रेकिंग। – कचरे की सौ फीसदी प्रोसेसिंग से हो रही 50 करोड़ सालाना की कमाई।

यूँ ही नहीं इंदौर ने लगाया स्वच्छता का पंच, कचरे से भी कमा रहा 20 करोड़ रुपए

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