यह हक़ीकत है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस में मुख्यमंत्री के चेहरे की जंग शुरू हो चुकी है.इस समय मध्य प्रदेश कांग्रेस दो दिग्गजों कमलनाथ और सिंधिया के खेमे में बँटी हुई है .जबकि तीसरा चेहरा भी पेश किया जा सकता है . इसका फैसला कांग्रेस आलाकमान करेगा. इसके लिए विधायकों और नेताओं से उनके विचार मांगे हैं. आपको बता दें कि इस बार रायशुमारी में यह बात उभर कर सामने आई है कि कांग्रेस को सीएम के चेहरा चुनाव से पहले घोषित होना चाहिए .विधानसभा के टिकट 6 महीने पहले तय हो ताकि उम्मीदवारों को चुनाव की तैयारियों का समय मिल सके. इसके अलावा कांग्रेस की गुटबाजी खत्म करने की भी बात कही गई है .प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया के अनुसार प्रदेश के नेताओं को दिल्ली में चक्कर नहीं लगाना पड़ेंगे .अब जो होगा मध्य प्रदेश से ही होगा. पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह का नाम घोषित करने से चुनाव में कांग्रेस को जीत मिलने से कांग्रेस के विधायक सीएम का चेहरा घोषित करने की मांग कर रहे हैं. बता दें कि सीएम के चेहरे की दौड़ में 47 वर्षीय ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं, जिन्हें सत्यव्रत चतुर्वेदी, सुरेश पचौरी और दिग्विजय सिंह जैसों के साथ कई विधायकों का समर्थन हासिल है,वहीं दूसरी ओर 71 वर्षीय पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ को यह उम्मीद है कि दिल्ली में बैठे उनके साथियों की मदद से कांग्रेस की कमान उन्हें मिल सकती है. जबकि प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव अगला चुनाव बिना किसी चेहरे के सिर्फ राहुल गांधी के नाम पर लड़ने के पक्ष में है .राहुल गांधी भी मध्य प्रदेश में 14 सालों की बीजेपी की सत्ता से विरोध , किसानों के आक्रोश और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को भुना कर सत्ता पाना चाहते हैं. यह भी देखें मध्यप्रदेश में सियासी कामयाबी के लिए कांग्रेस की नई चाल दो उप चुनावों में शिवराज और सिंधिया की प्रतिष्ठा दांव पर