इंदौर : मध्यप्रदेश में 230 और मिजोरम में 40 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग जारी है. सुबह 8 बजे से शुरू हुई मतदान प्रक्रिया शाम 5 बजे तक चलेंगी. वहीं पिछले दिनों छत्तीसगढ़ में यह प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है जबकि जल्द ही राजस्थान और तेलंगाना में भी मतदान होगा. ख़ास बात यह है कि 11 दिसंबर को एक साथ इन 5 राज्यों के नतीजें आएंगे. लेकिन सबसे पहले जानना जरूरी है वीवीपैट मशीन के बारे में जो 11 दिसंबर को हजारों उम्मीदवारों का भविष्य तय करेंगी. मध्यप्रदेश चुनाव: घपले, चाकूबाजी और ईवीएम में खराबी की शिकायतों के बीच इंदौर में हुआ सर्वाधिक 26 फीसद मतदान मध्य प्रदेश मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांता राव ने इस चुनाव के बारे में कई अहम जानकारियां दी है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में पहली बार सभी बूथों पर वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है. आइए जानते है इस वीवीपैट मशीने के बारे में विस्तार से... मध्यप्रदेश चुनाव: शिवराज सिंह ने पत्नी साधना संग नर्मदा किनारे की पूजा आपको बता दें कि वीवीपैट का पूरा नाम वोटर वेरीफ़ाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल है. इससे मतदान करने पर हाथोंहाथ मतदाता को एक कागज की पर्ची मिलती है. जिस पर उस उम्मीदवार का नाम और चुनाव चिह्न होता है, जिसके लिए वोट डाला गया है. इस तरह से आपको पता चलता है कि आपका वोट आपके अनुसार सही जगह पर गया है. चुनाव आयोग ने पुख्ता जवाब दिया कि ईवीएम से छेड़छाड़ संभव नहीं है. वीवीपैट मशीन स्वदेशी मशीन है, जिसे 2013 में डिजाइन किया था. बता दें कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया ने इस मशीन को मिलकर तैयार किया है. इससे पहले 5 साल पूर्व नागालैंड में इस मशीन का सबसे पगले इस्तेमाल किया था और चुनाव आयोग के मुताबिक 2019 से इसे पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा. मिजोरम चुनाव: कड़ी सुरक्षा के बीच सभी 40 विधानसभा सीटों पर मतदान जारी मध्यप्रदेश चुनाव: इंदौर, भोपाल में बढ़-चढ़कर हो रहा मतदान