भोपाल : सुशासन और भ्रष्टाचार पर लगाम का ढिंढोरा पीटने वाली बीजेपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मध्य प्रदेश सरकार के लिए भ्रष्टाचार के सरकारी आंकड़े खुद विपरीत गवाही दे रहे है. सूबे में भ्रष्टाचार का आलम क्या है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रदेश में हर 6 घंटे में एक सरकारी अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज हो रहा है. ताज्जुब तो इस बात है कि सरकारी आंकड़े खुद इस भ्रष्टाचार का पर्दाफाश कर रहे हैं. आंकड़ो की मानें तो रोज़ाना करीब 4 सरकारी अधिकारियों के खिलाफ लोकायुक्त में मामला दर्ज होता है. साल 2017 में प्रदेश में कुल 6267 शिकायतें लोकायुक्त में की गईं. जिसमें 1307 शिकायतों पर लोकायुक्त ने मामला प्रथम दृष्टया मामला सही पा कर पंजीबद्ध किया मतलब 365 दिनों में 1307 शिकायतें दर्ज हुईं. इस हिसाब से प्रतिदिन 4 शिकायत दर्ज की जा रही है. मामले में लोकायुक्त डीजी अनिल कुमार कहते हैं कि प्रदेश की जनता जागरूक हो चुकी है. आज के आम आदमी को ये पता है कि किस स्तर के अधिकारी की शिकायत कहां करनी है. कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा का कहना है कि एक ओर सरकार ज़ीरो टॉलरेंस की बात करती है और दूसरी ओर अफसरों के भ्रष्टाचार की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं. ऐसे में सरकार को यह बताना चाहिए कि जीरो टॉलरेंस आखिर है कहां. गौरतलब है कि ये वो आकड़े है जो दर्ज किये जा चुके है, मगर इसके अलावा अगर उन मामलों की बात करे जिन पर फ़िलहाल रौशनी नहीं गई है तो सूबे में हालात और विकराल है. इन हालातों में भी सरकार खुद की पीठ थपथाने में लगी हुई है. शिवराज सिंह की ज्योतिरादित्य सिंधिया को खुली चुनौती अजब शिवराज सरकार का गजब मंडल, पांच साल से नहीं किया कोई काम इस हाल में मध्य प्रदेश में 24 घंटे बिजली कैसे देंगे शिवराज?