भोपाल: मध्य प्रदेश में कील कोरोना अभियान एक जुलाई से शुरू हो गया है. इस अभियान के दौरान प्रदेश में डोर टू डोर सर्वे में दो करोड़ से अधिक लोगों का स्वस्थ्य सर्वे किया गया है. इस अभियान में चिन्हित हो रहे मरीजों के उपचार की व्यवस्थायें भी सुनिश्चित कि जिम्मेदारी टीम के पास है. सर्वे अभियान के दौरान शहरी क्षेत्र में 1776 और ग्रामीण क्षेत्र में 8975 सर्वे दलों द्वारा कार्य किया जा रहा है. इस अभियान में कोरोना लक्षण वाले मरीजों के साथ अन्य मौसमी बीमारियों के लक्षण वाले रोगी भी चिन्हित किए जा रहे है, जिनका उपचार फिलहाल किया जा रहा है. दरअसल, इस अभियान में अब तक करीब 11 हजार से अधिक सैंपल ले लिए गए है. और प्रदेश में 2 करोड़ से अधिक लोगों का स्वास्थ्य सर्वे अभियान के दौरान किया जा चुका है. प्रदेश में ये अभियान 15 जुलाई तक जारी रहने वाला है. मुख्यमंत्री ने सर्वे के दौरान चिन्हित हो रहे संभावित कोरोना रोगियों की जांच के साथ उचित उपचार की व्यवस्था के निर्देश भी दे दिए है. इस बारें में उन्होंने कहा है कि इस कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं कीजाने वाली है. सभी जिलों मे अधिकाधिक सेंपलिंग का कार्य ही किया जा रहा है. किल कोरोना अभियान में संचालित गतिविधियों से प्रदेश को कोरोना से मुक्ति मिल पाएगी. बता दें की मध्य प्रदेश में 'किल कोरोना अभियान' में डोर-टू-डोर सर्वे का कार्य लगातार चल रहा है. इसके किए 11 हजार 458 सर्वे टीम लगाई गई हैं. इसके अलावा सभी टीम नॉन कान्टेक्ट थर्मामीटर, पल्स ऑक्सीमीटर और जरूरी प्रोटेक्टिव गियर के साथ लैस हैं. साथ ही इस अभियान में सर्वे द्वारा एस.ए.आर.आई., आई.एल.आई. के संदिग्ध मरीजों के साथ-साथ अन्य बीमारी जैसे की मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि के संदिग्ध मरीजों को भी चिन्हांकित कर इनकी एंट्री ‘सार्थक एप’ में की जा रही है. कोरोना काल में फिर चमका सोना, चांदी के भी भाव बढे International Kiss Day को इस तरह बनाए खास सकारात्मक अंतर्राष्ट्रीय संकेतों से शेयर बाजार में बहार, सेंसेक्स 36 हज़ार के पार