भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने FIR दायर कर ली है। जी दरअसल कमलनाथ के कोरोना को ‘इंडियन वेरिएंट’ वाले बयान को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा है। अब इन्ही विवादों को देखते हुए बीते रविवार को बीजेपी नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने केस दर्ज कराने के लिए ज्ञापन दिया था। उनके ज्ञापन देने के बाद क्राइम ब्रांच ने कमलनाथ के खिलाफ धारा 188 के तहत केस दर्ज किया है। इसी के साथ ही डिजास्टर मैनेजमेंट की धारा 54 की धाराएं भी लगाई गई हैं। आप सभी को जानकारी होगी ही कि कमलनाथ ने बीते शुक्रवार को भोपाल में संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा था कि ''विश्व में भारत कोरोना का पर्याय बन गया है और ‘मेरा भारत महान छोड़िए, मेरा भारत कोविड का देश बन गया है’, इसलिए अब विदेशी लोग भारतीयों से डर रहे हैं। इसी के ही साथ नाथ ने कहा था कि कोविड-19 के मौतों के बनावटी आंकड़ों को पेश कर भारत पूरे विश्व को धोखा दे रहा है और दावा किया था कि मध्य प्रदेश में इस साल मार्च-अप्रैल में कोरोना से 1,02,002 लोग मरे हैं।'' उनके इस बयान को लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते रविवार को कड़ी निंदा की थी। उन्होंने सवाल किया था कि, ''क्या ऐसे बयानों से देश के सम्मान को चोट नहीं पहुंचेगी और क्या यह बयान राष्ट्रद्रोह जैसा नहीं है?'' केवल यही नहीं बल्कि सीएम ने तो यह तक कहा कि, ''हम प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण को दिन-रात नियंत्रित करने में लगे हुए हैं और मुझे आशा थी कि राष्ट्रीय संकट में सभी राजनैतिक दल एक होंगे। लेकिन मुझे कहते हुए बेहद तकलीफ है कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी देश और प्रदेश का मनोबल तोड़ने का काम कर रहे हैं।'' इसके अलावा उन्होंने कहा था, ''मेरा भारत कोविड-19 जैसे शब्दों का प्रयोग करना, इंडियन कोरोना (भारतीय कोरोना) वाला बयान देना, क्या कांग्रेस को शोभा देता है? क्या इस बयान से दूसरे देशों में रहने वाले भारतीयों का मनोबल कम नहीं होगा? क्या देश के सम्मान को चोट नहीं पहुंचेगी? क्या यह बयान राष्ट्र द्रोह जैसा नहीं है?'' Video: महिला की सब्जियां फेंकना पुलिसकर्मी को पड़ा भारी, रुका दो साल का इंक्रीमेंट पंजाब में कोरोना का 'सुपर स्प्रेडर' बन सकता है किसान आंदोलन, सीएम अमरिंदर की अपील- 'रोक दें प्रदर्शन' महाराष्ट्र में गिरता जा रहा है कोरोना संक्रमण का कहर, रिकवरी रेट 92।12 प्रतिशत