इंदौर: मध्यप्रदेश के इंदौर में बीआरटीएस के एलिवेटेड ब्रिज को लेकर जनप्रतिनिधि और अधिकारी एक-दूसरे के विरोधी हो गए हैं। जी दरअसल बीआरटीएस के एलिवेटेड ब्रिज का जो डिजाइन प्रस्तावित किया गया है उसको लेकर विवाद खड़ा हो गया है। जी दरअसल बीते बुधवार को प्रभारी मंत्री की मौजूदगी में हुई पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की बैठक में सांसद शंकर लालवानी गुस्से में आ गए। जी दरअसल वह एलिवेटेड ब्रिज के डिजाइन को बदले जाने को लेकर नाराज हो गए। इसी के चलते उन्होंने अधिकारियों को जमकर खरी खोटी सुनाई। आपको बता दें कि इंदौर के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट ने बंगाली चौराहा फ्लाई ओवर ब्रिज की डिजाइन को लेकर PWD के अधिकारियों के साथ रेसीडेंसी कोठी पर बैठक बुलाई थी। इस बैठक के दौरान सांसद शंकर लालवानी भी मौजूद थे। वही बैठक में उन्होंने बीआरटीएस पर प्रस्तावित एलिवेटेड ब्रिज की डिजाइन बदले जाने पर ऐतराज किया। इसी के साथ सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि ''PWD के अधिकारियों ने बिना किसी जनप्रतिनिधि और किसी टैक्निकल व्यक्ति को बताए बिना ही नक्शे में बदलाव कर दिया। नक्शे में बदलाव किए जाने के बाद अब वहां लोगों को काफी दिक्कतें आ रही हैं।'' ऐसे में सांसद का कहना है कि, ''अगर पुल बनाते समय में पुल के मध्य भाग में पिलर आता है, तो हादसे और यातायात की समस्या परेशानी कभी खत्म नहीं होगी।'' आपको बता दें कि फ्लाई ओवर ब्रिज के डिजाइन को लेकर जो विवाद हो रहा है उसके होने के बाद अब एक बार फिर इस प्रोजेक्ट का काम अटक गया है। बीते 3 साल से इस ब्रिज का काम अटका हुआ है और हर बार जब भी काम शुरू होता है तो कोई ना कोई विवाद ब्रिज को लेकर खड़ा हो ही जाता है। आपको बता दें कि इस ब्रिज के ना बनने से 120 कॉलोनियों की ढाई लाख आबादी और यहां से रोजाना गुजरने वाले दो लाख से ज्यादा वाहनों के चालक परेशान हो रहे हैं। अब अगर फ्लाई ओवर की डिजाइन बदली जाती है, तो इसकी लागत में आठ करोड़ रुपए का इजाफा होगा और इसी के साथ ही इसे तैयार होने में और छह महीने का समय लग जाएगा। लीजा हेडन ने शेयर की अपने बेबी शावर की फोटोज, जल्द देंगी तीसरे बच्चे को जन्म एशिया-प्रशांत देश में नहीं थम रहा कोरोना का कहर, मामलों में लगातार हो रही है वृद्धि पश्चिम बंगाल में शुरू की गई ‘ब्लड दो वैक्सीन लगवाओ’ पहल