भाषणों के दौरान खुद को जनता का हितेषी साबित करने की होड़ मे जुटे नेता, दिखावे में खुद को किसी मसीहा से कम नहीं बताते. आम जन के हमदर्द ओर लोगो के सुख दुःख के साथी होने का दावा करने के साथ साथ कई बार शानदार जिंदगी छोड़ झोपडो की खाक तक छानने का नाटक करने वाले सियासतदार असल में अपनी सुख सुविधा से कितना समझौता कर सकते है, इसका ताजा उदाहरण फिर एक बार सामने आया है. हाल ही में एक संसदीय समिति ने सुझाव दिया है कि घरेलू उड़ान के दौरान सीट खाली होने की सूरत में सांसदों को बिजनेस क्लास की सीट अपग्रेड कर दी जाए. समिति ने नागरिक उड्डयन सचिव चौबे से कहा, "आप क्यों नहीं ऐसा एक आदेश जारी करते हैं जिसमें बिजनेस क्लास की सीट के खाली होने की दिशा में उसे सांसदों को दे दिया जाए." गौरतलब है कि एक सांसद को सालभर में हवाई यात्रा के लिए 34 टिकट फ्री मिलते हैं, ये लोग बिजनेस क्लास में सफर कर सकते हैं. एक अन्य सांसद ने इस मांग के समर्थन में कहा, "सांसदों को सालभर काफी यात्रा करनी पड़ती है, कई बार उन्हें राजनीतिक कार्यक्रमों या फिर निजी काम के सिलसिले में सफर करना पड़ता है." वही सीपीआई (एम) के लोकसभा सांसद मोहम्मद सलीम ने इसके विपरीत अपनी बात कही .उन्होंने कहा, "एक संसदीय समिति को लोगों के हितों से जुड़े मामलों में तेजी से काम करने चाहिए, न कि अपने सांसदों के हितों के लिए." हमले के बावजूद बेखौफ जारी हैं नीतीश की समीक्षा हेमा मालिनी ने गोद लिया एक और गांव अखिलेश ने कहां भगवा टॉयलेट हिंदुत्व का अपमान