विशाखापत्तनम: इंडियन नेवी के लिए आज का दिन बेहद अहम साबित हुआ, जब उसने INS विशाखापत्तनम से MRSAM (मीडियम रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल) की सफलता टेस्टिंग कर दी. रक्षा निर्माण के स्वदेशीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल करते हुए आज मंगलवार (7 मार्च) को जहाज-रोधी मिसाइलों को शामिल करने की क्षमता वाले MRSAM ने अपने टारगेट पर सटीक निशाना साधा. इस मिसाइल की विशेषता यह है कि वह चंद सेकंड में ही अपने लक्ष्य पर निशाना साध लेगा. रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) की तरफ से संयुक्त रूप से तैयार किए गए मीडियम रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (MRSAM) को भारत डायनेमिक लिमिटेड (BDL) में विकसित किया गया है. इंडियन नेवी की यह कामयाबी इस मायने में बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसे पीएम नरेंद्र मोदी “आत्मनिर्भर भारत” के विजन के तहत विकसित किया गया है. इस परीक्षण से पहले इंडियन नेवी ने 2 दिन पहले रविवार (5 मार्च) को अरब सागर से सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल दागने का सफल परिक्षण किया था. अधिकारियों ने बताया था कि जिस मिसाइल की टेस्टिंग की गई, उसमें स्वदेशी “सीकर एंड बूस्टर” लगे हुए थे. एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने कहा है कि, 'इंडियन नेवी ने DRDO द्वारा डिजाइन किए गए स्वदेशी सीकर और बूस्टर के साथ पोत से लॉन्च किए गए ब्रह्मोस मिसाइल ने अरब सागर में स्थित लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाया, जिससे रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और मजबूत हुई है.' ब्रह्मोस मिसाइल 2.8 मैक या ध्वनि की गति से करीब 3 गुनी रफ्तार से लक्ष्य की ओर जाती है. 'इससे बड़ा झूठ कुछ हो नहीं सकता..', राहुल गांधी के किस बयान पर JDU नेता ने कहा ऐसा ? होली के बाद पड़ेगी झुलसा देने वाली गर्मी, दिल्ली में गहरा सकता है बिजली संकट भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 'बूस्टर डोज़' साबित होगी होली, देशभर में होगी 25000 करोड़ की खरीदारी