'आला हजरत दरगाह' में अल्कोहल-बेस्ड सैनिटाइजर का विरोध, मुफ़्ती ने कह दी बड़ी बात

बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले स्थित 'आला हजरत दरगाह' प्रबंधन कमेटी ने कोरोना वायरस महामारी से बचाव के लिए अल्कोहल-बेस्ड सैनिटाइजर के उपयोग का विरोध किया है. दरगाह की ओर से भक्तों और मस्जिद के प्रमुखों को अल्कोहल-बेस्ड सैनिटाइजर के इस्तेमाल से बचने की हिदायत दी गई है.

दरगाह आला हजरत में सुन्नी मरकज दारुल इफ्ता के मुफ्ती नश्तर फारूकी ने बुधवार को कहा है कि, 'इस्लाम में शराब पर बैन है. मुसलमानों को अल्कोहल-बेस्ड सैनिटाइजर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. यदि परिसर में सफाई के लिए अल्कोहल-बेस्ड सेनिटाइजर का इस्तेमाल किया जाता है तो इससे मस्जिद नापाक हो जाएगी. हम अल्लाह के घर को नापाक नहीं कर सकते. नमाज किसी नापाक स्थान पर अदा नहीं की जा सकती. यदि मस्जिद को जानबूझकर नापाक किया जाता है तो यह गुनाह होगा. मैंने मस्जिदों और मस्जिदों की समिति के इमामों से अपील की है कि वे अल्कोहल-बेस्ड सैनिटाइजर का उपयोग करने से परहेज करें.'

मुफ्ती नश्तर फारूकी ने अल्कोहल-बेस्ड सैनिटाइजर का एक ऑप्शन भी दिया है. उन्होंने कहा है कि, 'अल्कोहल-बेस्ड सैनिटाइजर का उपयोग करने की जगह मुसलमानों को अपने हाथों और मस्जिद परिसर की सफाई साबुन, डिटर्जेंट पाउडर और शैंपू से करनी चाहिए.' हालांकि धार्मिक स्थलों में अल्कोहल-बेस्ड सैनिटाइजर के इस्तेमाल पर विरोध जताने का यह कोई पहला मामला नहीं है बल्कि इससे पहले मथुरा के कुछ प्रमुख मंदिरों के पुजारी इसके उपयोग पर विरोध जता चुके हैं.

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