आप सभी को बता दें कि सुख-सौभाग्य का प्रतिनिधि ग्रह बृहस्पति 13 और 14 नवंबर 2018 की मध्यरात्रि में 1 बजकर 50 मिनट पर अस्त हो रहा है. ऐसे में गुरु के अस्त होने से विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं और यह कारण है कि 19 नवंबर को देवउठनी एकादशी होने के बावजूद किसी का विवाह नहीं हो पाएगा. इसी के साथ गुरु 8 दिसंबर को प्रातः 7 बजकर 20 मिनट पर उदय होंगे और इसके बाद ही विवाह कार्य प्रारंभ होंगे, लेकिन इसमें भी मलमास बाधा बन सकते हैं. तीन दिन बाद तक बाल्य काल - आप सभी को बता दें कि गुरु के अस्त होने के तीन दिन पूर्व गुरु का वार्धक्य काल रहता है और उदय होने के तीन दिन बाद तक बाल्य काल रहता है. इसी के साथ गुरु अस्त होने के तीन दिन पहले और उदय होने के तीन दिन बाद तक भी कोई मांगलिक कार्य, खासकर विवाह नहीं किया जाता है और वैवाहिक कार्यों के लिए गुरु-शुक्र का उदय होना जरुरी माना जाता है और तभी विवाह सफल माना जाता है. मार्गशीर्ष शुक्ल नवमी 16 दिसंबर 2018 को - आप सभी को बता दें कि इस बार मार्गशीर्ष शुक्ल नवमी 16 दिसंबर 2018 को सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने के साथ ही मलमास प्रारंभ हो जाएगा जो पौष शुक्ल अष्टमी 14 जनवरी 2019 तक चलने वाला है और मलमास में भी विवाह नहीं किए जाते हैं. ऐसे में आप सभी जानते ही होंगे कि मलमास में देव प्रतिष्ठा, गृह प्रवेश, नवीन गृह निर्माण कार्य प्रारंभ, मुंडन, नए वाहन का क्रय आदि नहीं किया जाता है. इस वजह से मनाई जाती है अहोई अष्टमी, यहाँ जानिए कथा छठ पूजा : आज है खरना, ऐसे करें पूजा सीता माता ने की थी छठ व्रत की शुरुआत, इस कारण से रखा था व्रत