लखनऊ : आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को धमकाने के मामले में लखनऊ की सीजेएम कोर्ट ने मंगलवार को यूपी पुलिस की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया, जिसमें मुलायम सिंह यादव को क्लीन चिट दी गई थी. कोर्ट के इस फैसले से समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. गौरतलब है कि लखनऊ में तैनात आईजी स्तर के आईपीएस ऑफिसर अमिताभ ठाकुर ने हजरतगंज कोतवाली में मुलायम सिंह यादव के खिलाफ 11 जुलाई 2015 को मामला दर्ज कराया था. इसमें आरोप लगाया गया था कि एक दिन पहले मुलायम सिंह यादव ने उनको फोन पर धमकी दी थी. इस मामले में पुलिस ने कहा था कि मुलायम सिंह के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता. पुलिस ने इस मामले में जांच करने के बाद मामला खत्म करने की फाइनल रिपोर्ट बनाई थी. कोर्ट ने लखनऊ की पुलिस को इस पूरे मामले की नए सिरे से जांच करने का आदेश दिया. बता दें कि आईपीएस अमिताभ ठाकुर द्वारा मुलायम सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कराने के बाद यूपी सरकार ने अमिताभ ठाकुर को निलंबित कर दिया था और उनके खिलाफ कई तरह की जांच के आदेश भी दे दिए थे. सरकार के इस फैसले के खिलाफ अमिताभ ठाकुर सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल में गए और कैट ने उनका निलंबन खत्म करने के आदेश दिए थे. खास बात यह है कि अमिताभ ठाकुर ने एफआईआर के साथ मुलायम सिंह के साथ फोन पर हुई कथित बातचीत की रिकॉर्डिंग भी पेश की थी. अपने अधिकारों से जुड़े इस अहम मामले में अमिताभ ठाकुर ने कोर्ट में अपनी याचिका में यह अपील भी की है की मुलायम सिंह की आवाज की जांच कराई जाए ताकि इस बात की पुष्टि हो सके कि उनको फोन पर धमकाने वाले मुलायम सिंह ही थे, लेकिन सीजेएम कोर्ट के फैसले के बाद इस मामले में मुलायम सिंह की मुश्किलें फिलहाल खत्म होती दिखाई नहीं दे रही है. अखिलेश ने खोला खजाना, विकास का किया वादा